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शिवराज सरकार में इंदौर प्रशासन के अमानवीय कृत ने किया मानवता को शर्मसार

शिवराज सरकार में इंदौर प्रशासन के अमानवीय कृत ने किया मानवता को शर्मसार

शिवराज सरकार में इंदौर प्रशासन के अमानवीय कृत ने किया मानवता को शर्मसार

इंदौर शहर साफ-सफाई में ऐसे लगा कि भिखारी बुजुर्गो को ट्रक में जानवरों की तरह भरकर क्षिप्रा के किनारे छोड़ा जा रहा था

मध्य प्रदेश : अपनी साफ-सफाई को लेकर हमेशा खबरों में रहने वाले इंदौर शहर का बेहद अमानवीय चेहरा सामने आया है। सफाई करने के लिए शहर के भिखारी बुजुर्गो को निगम के ट्रक में जानवरों की तरह भरकर क्षिप्रा के किनारे छोड़ा जा रहा था। इसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया और वीडियो बनाना शुरू कर दिया तो निगमकर्मी वहां से भाग खड़े हुए।

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निगमकर्मियों का कहना है कि प्रशासन के आदेश पर यह किया गया। इस मामले में नगर निगम के एक अधिकारी और कुछ कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। दूसरी ओर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसकी कड़ी आलोचना की है।

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सरकार का आदेश है
स्थानीय लोगों का कहना है कि इंदौर नगर निगम की गाड़ी कुछ बुजुर्गों को लेकर आई और सभी को उतारने लगे। जो नहीं उतर पा रहे थे। उन्हें जबरन वाहन से नीचे उतार रहे थे। इस पर वहां देखरहे लोगों ने विरोध शुरू कर दिया और वीडियों बनाना शुरू कर दिया।

वीडियों बनाते हुए इनसे पूछा कि इन्हें यहां क्यों उतार रहे हो, तो वे बोले कि हमें सरकार का आदेश है, ये इंदौर में परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इंदौर में गंदगी फैला रहे हैं। जिन्हें गाड़ी से उतारा गया था, उनकी हालत बहुत ही बुरी थी। वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। इसमें 10-12 बुजुर्ग थे। इसमें दो महिलाएं भी थीं। सड़क पर उनके कपड़े पड़े हुए थे।

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मामला खुला तो कई हुए सस्पेंड
इस मामले में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि जिस प्रकार उन्हें शिप्रा में उतारने का प्रयास किया गया, वह बिल्कुल ही गलत था। परंपरा रैन बसेरा में शिफ्ट करने की है। ऐसी गलती कोई करेगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी अपनी नाराजगी जताई है। इसमें डिप्टी कमिश्नर जो पूरे मामले को सुपरवाइज कर रहे थे उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा दो अन्य कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।

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