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संसद में खालिस्तानी आतंकी निज्जर के लिए मौन पर घिरी ट्रूडो सरकार; मीडिया ने करार दिया नैतिक अपमान

कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकवादी और सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की पुण्यतिथि पर दो मिनट का मौन रखे जाने पर, कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन सरकार की आलोचना की है। डैनियल बोर्डमैन ने कहा कि यह एक नैतिक अपमान है। इसका आसान स्पष्टीकरण यह है कि सरकार में खालिस्तानी घुसपैठ है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल में कई उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी फिलिस्तीनी हैं। और यह करीब एक दशक से जारी है।

इस दौरान डैनियल बोर्डमैन ने आगे कहा कि मेरा एक दोस्त था जिसकी हत्या आईआरजीसी, एक विदेशी आतंकवादी संगठन की तरफ से की गई थी। उसके कनाडाई संसद में दो मिनट का मौन धारण नहीं किया। इसलिए मुझे नहीं लगता कि निज्जर के लिए दो मिनट के मौन रखने की आवश्यकता क्यों है। यह वास्तव में शर्मनाक है। आतंकवाद और धोखाधड़ी के लिए उस व्यक्ति को दो बार कनाडा आने से मना किया गया और फिर किसी तरह से वह चुपके से आ गया। मैं भारत में किसी को भी कोई तर्कसंगत स्पष्टीकरण नहीं दे सकता कि कनाडा हरदीप सिंह निज्जर के लिए मौन क्यों रखा है।

‘देश के गुरुद्वारों में खालिस्तानियों ने की घुसपैठ’
डैनियल बोर्डमैन ने इस दौरान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि ट्रूडो को गलत काम करने के लिए किसी कारण की जरूरत है। यह इस समय एक तरह की नैतिक मजबूरी है। हमास ने उनकी प्रशंसा की है और वो चर्चों को जलाए जाने का समर्थन कर रहे हैं। ये उनकी भयावह नैतिक विफलताओं का एक संगम है। कनाडाई पत्रकार ने आगे कहा कि हमारे देश में बहुत से पागल गुरुद्वारे हैं, जिनमें खालिस्तानियों ने घुसपैठ की है।

बगैर जांच के आ रहे खालिस्तानी- डैनियल बोर्डमैन
ट्रूडो सरकार पर टिप्पणी करते हुए डैनियल बोर्डमैन ने कहा कि इस समय छात्र वीजा सबसे बड़ा संकट है। जो अभी भी जारी किए जा रहे हैं और ये लोग बिना जांच के आ रहे थे और खालिस्तानी गुरुद्वारों में घुस रहे थे। मैंने बहुत से सिखों को इस बारे में बात करते हुए सुना है। कनाडाई लोग इससे थकने लगे हैं और खालिस्तानियों को हमारी सड़कों पर घूमने वाले पागलों के समूह में शामिल कर दिया गया, जो सब कुछ बदतर बना रहे हैं। फिलहाल औसत कनाडाई के बीच जागरूकता बढ़ रही है।

‘भारत ने खालिस्तानियों के ओसीआई कार्ड किए रद्द’
डैनियल बोर्डमैन ने आगे कहा कि, भारत पहले से बेहतर कर रहा है। इसमें सबसे अच्छी चीज में से एक ये है कि उन्होंने खालिस्तानियों के ओसीआई कार्ड रद्द करना शुरू कर दिया है। इस पर किसी तरह के रोकथाम की जरूरत है, अपराधियों को जेल जाना चाहिए। अगर आप बुरे काम करते हैं, तो आपके साथ भी बुरा होगा। इसलिए कार्रवाई के कारण अब खालिस्तानियों की सड़कों पर मौजूदगी कम होने लगी है।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकवादी और सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की पुण्यतिथि पर मौन रखा गया था। भारत ने कनाडाई संसद की इस कदम की कड़ी आलोचना की थी। बता दें कि भारत ने कनाडा को 40 वांछित आतंकियों की लिस्ट सौंपी थी, उसमें निज्जर का भी नाम था। जिसकी बीते साल 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा की सरकार ने निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। हालांकि भारत की सरकार ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर दिया था। 

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