नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली जिले में आई प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित किया जायेगा, इसके लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया तय कर दी है. इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने प्रदेश के सभी डीएम और जिला जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों को एक नोटिफिकेशन जारी कर 7 फरवरी को भयंकर आपदा में लापता व्यक्तियों के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी दी है. उनसे इसका तुरंत पालन करने को कहा गया है.
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मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से पहले होगी जांच
सर्कुलर में कहा गया है कि आमतौर पर मृत्यु का पंजीकरण संबंधित व्यक्तियों की ओर से दी गई सूचना के आधार पर किया जाता है, लेकिन उत्तराखंड में हुई असाधारण घटना जैसी अपवाद परिस्थितियों में जांच के बाद किसी अधिकारी के कहने पर भी मृत्यु पंजीकरण किया जा सकता है. जिन लोगों के शव मिल गए हैं, उनका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में सामान्य प्रक्रिया अपनाई जाएगी, लेकिन जिन लापता लोगों के शव नहीं मिले हैं, उनके मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उत्तराखंड में आई इस भयंकर आपदा में ही उनकी मौत होने की पूरी आशंका है.
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तीन कैटेगरी में बांटे गए लोग
मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आपदा में लापता लोगों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. पहली में उन लापता लोगों को रखा गया है, जो आपदा प्रभावित जगहों के स्थायी निवासी थे या उन करीबी जगहों के स्थायी निवासी थे, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित जगहों में रह रहे थे. दूसरी कैटेगरी में वे लापता लोग हैं, जो उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी थे, लेकिन आपदा के समय आपदा प्रभावित जगहों में मौजूद थे. और तीसरी कैटेगरी में अन्य राज्यों के लापता पर्यटक या व्यक्ति हैं, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित जगहों पर मौजूद थे.
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दण्डित किये जायेंगे नियम तोड़ने वाले लोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुसार, कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध में मास्क एकमात्र “ढाल” है। ठाकरे ने कहा, “मास्क पहनें, अनुशासन बनाए रखें और लॉकडाउन से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाये रखने के नियम का पालन करें।” आगेे पढेें
कुंभ मेले पर भी मडरा रहा कोरोना का प्रकोप, इस बार होगा मात्र 28 दिन का ही आयोजन
पिछले कई दिनों से देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक उछाल आया है और उत्तराखण्ड सरकार ने इसी को देखते हुए हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेले में दो दिन की कटौती कर दी है, अब यह मेला 30 दिन के बजाय 28 दिनों का होगा जो 28 अप्रैल तक चलेगा। सरकार ने यह फैसला साधु संतों से बात करने के बाद लिया है। इस फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही मेले की अधिसूचना जारी की जाएगी। आगे पढें…