नई दिल्लीः दिल्ली की साकेत अदालत ने साल 2008 के बटला हाउस मुठभेड़ मामले में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या के लिये आरिज खान को मौत की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस माना. अदालत ने आरिज खान पर कुल 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा शहीद हो गए थे जबकि 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
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केवल हत्या का मामला नहीं है
पुलिस ने आतंकवादी संगठन ‘इंडियन मुजाहिदीन’ से कथित रूप से जुड़े खान को मौत की सजा दिए जाने का अनुरोध किया और कहा कि यह केवल हत्या का मामला नहीं है, बल्कि न्याय की रक्षा करने वाले कानून प्रवर्तन अधिकारी की हत्या का मामला है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने अपराह्न चार बजे के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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शहजाद अहमद को हो चुकी है उम्रकैद की सज़ा
इससे पहले 2013 में शहजाद अहमद को उम्रकैद की सज़ा हो चुकी है. दोनों बटला हाउस एनकाउंटर के बीच भाग गए थे. इनके 2 साथी आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे जबकि एक आरोपी मौके से पकड़ा गया था.
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मर्डर और पुलिस वाले के मर्डर में फर्क
सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया था कि ‘दोषी ने खतरनाक हथियार रखे हुए थे और इन्ही हथियारों से उसने, ड्यूटी निभाते हुए पुलिस वालों पर गोली चलाई, इसकी वजह से इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा की मौत हो गई थी. सरकारी वकील ने आरिज के लिए फांसी की सजा देने की मांग की थी. सरकारी वकील के मुताबिक, मर्डर और पुलिस वाले का मर्डर में फर्क होता है. ये बात सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में मानी है. उन्होंने कहा कि दोषी सिर्फ दिल्ली में ही नही बल्कि जयपुर, अहमदाबाद और यूपी में धमाके करने में शामिल रहा है जिसमे काफी बेगुनाहों की जान गई थी.