साल 2018 में भयानक सड़क दुर्घटना का कारण बने भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवर को कनाडा भारत निर्वासित करेगा। उस हादसे में 16 लोगों की मौत हुई थी और 13 अन्य घायल हुए थे। ड्राइवर जसकीरत सिंह सिद्धू साल 2014 में ही कनाडा पहुंचा था। फिलहाल वह कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कैलगेरी शहर में रह रहा है। कनाडा के अप्रवासन और शरणार्थी बोर्ड ने शुक्रवार को जसकीरत सिंह को भारत वापस भेजने का आदेश दिया।
जसकीरत को साल 2019 में ही 16 लोगों की मौत का दोषी ठहराया गया था और उस पर गलत तरीके से वाहन चलाने का आरोप सिद्ध हुआ। बीते साल ही जसकीरत को जमानत पर रिहा किया गया था। कनाडा के अप्रवासन विभाग के अधिकारी ट्रेंट कुक ने जसकीरत को निर्वासित करने का आदेश दिया। जसकीरत ने मानवीय और दया के आधार पर उसे निर्वासित न करने की मांग की, लेकिन कुक ने उसकी अपील खारिज कर दी। जसकीरत सिंह सिद्धू के वकील माइकल ग्रीन ने फैसले से नाराजगी जताई। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी कई और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन होना है, ऐसे में जसकीरत को निर्वासित करने में महीनों और वर्षों का समय लग सकता है।
आदेश के खिलाफ अपील करेगा जसकीरत
माइकल ग्रीन ने कहा कि वह सिद्धू के निर्वासन के खिलाफ सरकार के समक्ष याचिका भी दायर करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें वह कनाडा सरकार से मांग करेंगे कि मानवीय आधार पर सिद्धू का स्थायी निवास का दर्जा वापस किया जाए। वकील ने बताया कि सिद्धू और उसकी पत्नी अब एक बच्चे के माता-पिता हैं। सिद्धू के बच्चे को दिल और फेफड़ों से संबंधित गंभीर बीमारी है। ऐसे में बच्चे को काफी देखभाल की जरूरत है। सड़क हादसे में मारे जाने वाले कई लोगों के परिजनों ने भी सिद्धू को निर्वासित करने की मांग की है। हालांकि कुछ माता-पिता ऐसे भी हैं, जो जसकीरत सिंह का समर्थन कर रहे हैं और उसे निर्वासित करने के खिलाफ हैं।
गौरतलब है कि साल 2018 में जसकीरत सिंह इंटरसेक्शन पर रुकने के संकेतक को अनदेखा कर आगे बढ़ गया था। जिससे हुबोल्ट ब्रोंकोस जूनियर हॉकी टीम की बस ट्रक से टकरा गई थी। इस हादसे में टीम के 16 खिलाड़ियों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे।