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Tuesday, September 30, 2025

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सीरिया के स्वैदा प्रांत में ड्रूज और बेदुइन गुटों की झड़पें, 37 की मौत, स्थिति गंभीर

सीरिया के दक्षिणी स्वैदा प्रांत में एक बार फिर धार्मिक और जातीय टकराव ने भयंकर रूप ले लिया है। ड्रूज समुदाय की मिलिशिया और सुन्नी बेदुइन कबीलों के बीच हुई हिंसक झड़पों में अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, करीब 100 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज स्थानीय अस्पतालों में जारी है। इस ताजा संघर्ष ने सीरिया में जारी अस्थिरता और गहरे सामाजिक विभाजन को फिर से उजागर कर दिया है।

सेना तैनात, स्थिति नियंत्रण में लाने की कोशिश

हिंसा की तीव्रता को देखते हुए सरकार ने मौके पर सीरियाई सेना और आंतरिक मंत्रालय की टीमें भेज दी हैं। सुरक्षा चौकियों पर सेना की तैनाती की गई है ताकि हिंसा को फैलने से रोका जा सके। फिलहाल क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और हालात अभी पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आए हैं।

सरकार ने माना: स्थिति गंभीर और नियंत्रण से बाहर

सीरिया के गृह मंत्रालय ने इस घटना को “खतरनाक स्थिति” करार दिया है। मंत्रालय ने यह भी स्वीकार किया कि स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता और सुरक्षा तंत्र की कमजोरी के कारण हालात बिगड़े। मंत्रालय के मुताबिक, आम नागरिकों ने अपने स्तर पर हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन वे विफल रहे। अब सरकार ने हर संभव कदम उठाने की बात कही है ताकि क्षेत्र में स्थायित्व वापस लाया जा सके।

ड्रूज समुदाय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान संदर्भ

ड्रूज समुदाय सीरिया में धार्मिक अल्पसंख्यक है, जिसकी जड़ें इस्लाम की इस्माइली शाखा से 10वीं सदी में निकली मानी जाती हैं। यह समुदाय मुख्य रूप से स्वैदा प्रांत और दमिश्क के दक्षिणी उपनगरों में बसता है। बशर अल-असद के सत्ता में आने के बाद और फिर देश में फैले गृहयुद्ध के बीच, ड्रूज गुटों ने स्वयं के हथियारबंद समूह तैयार कर लिए थे। नई सरकार और शांति प्रक्रिया को लेकर ड्रूजों में अभी भी गहरा संदेह है, जिसके कारण उनका मुख्यधारा से जुड़ाव कमजोर बना हुआ है।

बेदुइन कबीलों से बढ़ता टकराव

दूसरी ओर, सुन्नी बेदुइन कबीलों के साथ ड्रूज समुदाय का टकराव हाल के वर्षों में लगातार बढ़ा है। सामाजिक, राजनीतिक और क्षेत्रीय वर्चस्व की लड़ाई ने धार्मिक तनाव को भी हवा दी है, जिससे हिंसा और अस्थिरता फैल रही है। यह टकराव स्थानीय सत्ता संघर्ष और संसाधनों के बंटवारे की जटिलता को भी दर्शाता है।

14 वर्षों से चल रहे गृहयुद्ध की छाया में बढ़ता संकट

सीरिया में पिछले 14 वर्षों से जारी गृहयुद्ध ने पूरे देश को सामाजिक, जातीय और धार्मिक आधार पर कई टुकड़ों में बांट दिया है। अलग-अलग गुटों और मिलिशिया ने अपने-अपने क्षेत्रीय नियंत्रण स्थापित कर रखे हैं, जबकि स्थायी शांति अभी भी एक सपना मात्र बनी हुई है। स्वैदा की यह ताजा हिंसा इस सच्चाई को फिर से रेखांकित करती है कि सीरिया की राष्ट्रीय एकता और सामाजिक स्थिरता अभी भी खतरे में है।

निष्कर्ष: एक और चेतावनी

स्वैदा की घटनाएं सीरिया के लिए एक और गंभीर चेतावनी हैं कि जब तक राजनीतिक समाधान और समुदायों के बीच आपसी विश्वास बहाल नहीं होता, तब तक शांति संभव नहीं है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी यह समय है कि वह सीरिया में स्थायी समाधान की दिशा में ठोस प्रयास करे, ताकि वर्षों से पीड़ित आम नागरिकों को राहत मिल सके।

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