सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत शर्तों में ढील की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया और 10 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा। बालाजी ने हाजिरी और अदालत में पेश होने की दो शर्तों में बदलाव की मांग की है, जबकि ईडी ने गवाहों को प्रभावित करने और जांच में बाधा की आशंका जताई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी। बालाजी के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और नरेंद्र हूडा ने बताया कि बालाजी दो शर्तों में संशोधन चाहते हैं—पहली, हर सोमवार और शुक्रवार को सुबह 11 से 12 बजे के बीच ईडी के उप निदेशक, चेन्नई कार्यालय में अनिवार्य हाजिरी; और दूसरी, हर महीने के पहले शनिवार को तीनों संबंधित अपराधों के जांच अधिकारियों के सामने पेशी। इसके अलावा, उन्हें नियमित रूप से अदालत में उपस्थित रहने और मामले की त्वरित सुनवाई में सहयोग करने को कहा गया है। सिब्बल ने दलील दी कि जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दायर हो चुकी है। 26 सितंबर 2024 को जमानत मिलने के बाद से बालाजी 116 बार ईडी के सामने पेश हो चुके हैं। वहीं, ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि जमानत शर्तें इसलिए रखी गई थीं ताकि गवाहों पर कोई दबाव न बने और सुनवाई सुचारू चले। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अदालत में नियमित हाजिरी की शर्त में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन ईडी को उप निदेशक कार्यालय में हाजिरी संबंधी शर्त पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। बालाजी को ईडी ने 14 जून 2023 को नकद-से-नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। 12 अगस्त 2023 को उनके खिलाफ 3,000 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। कोर्ट ने जमानत देते समय कहा था कि लंबी सुनवाई के कारण निरंतर हिरासत उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। उन्हें 25 लाख रुपए के बॉन्ड और दो जमानतदार प्रस्तुत करने की शर्त पर जमानत दी गई थी।

