Home अर्थ - व्यापार स्पेक्ट्रम नीलामी: जियो ने लगभग 78,000 करोड़ में से 57,122.65 करोड़ रुपये की अकेले ही एयरवेव्स लिये, शेष एयरटेल, वोडा-आईडिया ने आपस में बांटे

स्पेक्ट्रम नीलामी: जियो ने लगभग 78,000 करोड़ में से 57,122.65 करोड़ रुपये की अकेले ही एयरवेव्स लिये, शेष एयरटेल, वोडा-आईडिया ने आपस में बांटे

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स्पेक्ट्रम नीलामी: जियो ने लगभग 78,000 करोड़ में से 57,122.65 करोड़ रुपये की अकेले ही एयरवेव्स लिये, शेष एयरटेल, वोडा-आईडिया ने आपस में बांटे
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नई दिल्ली: दो दिन तक चली टेलीकॉम स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी समाप्त हो गई . टेलिकॉम सचिव ने बताया कि दो दिनों में 77,814.80 करोड़ रुपये के एयरवेव्स खरीदे गए. रिलायंस जियो सबसे बड़ी खरीदार रही, जिसने 57,122.65 करोड़ रुपये के ऑर्डर किए हैं. वोडाफोन आइडिया ने नीलामी में 1,993.40 करोड़ रुपये मूल्य के स्पेक्ट्रम खरीदे। वहीं भारती एयरटेल ने 18,699 करोड़ रुपये की रेडियो वेव्स का अधिग्रहण किया है।

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टेलीकॉम सेक्रेटरी अंशु प्रकाश ने बताया कि टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी मंगलवार को संपन्न हो गई। दो दिनों में कुल 77,814.80 करोड़ रुपये मूल्य के 855.60 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की खरीद की गई। भारती एयरटेल ने स्पेक्ट्रम की ताजा नीलामी में 18,699 करोड़ रुपये की रेडियो वेव्स का अधिग्रहण किया है। कंपनी ने 355.45 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम, मिड बैंड और 2,300 मेगाहट्र्ज बैंड का अधिग्रहण किया है।

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सोमवार को शुरू हुई नीलामी के लिए 2,250 MHz से ज्यादा के स्पेक्ट्रम, जिसमें टेलिकॉम सिग्नल होते हैं, सात बैंड्स में हैं, इन्हें करीब 4 लाख करोड़ रुपये के रिजर्व या शुरुआती कीमत पर ऑफर किया गया था. बोलियां 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz और 2300 MHz में मिली थीं. लेकिन प्रीमियम 700 और 2500 MHz बैंड्स में एयरवेव्स के लिए कोई लेने वाले नहीं मिले.

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स्पेक्ट्रम में नीलाम किया जा रहा लगभग एक तिहाई स्पेक्ट्रम 700 MHz बैंड में है, जो 2016 की नीलामी के दौरान पूरी तरह अनसोल्ड रहा था. टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि इस नई खरीदारी के चलते भविष्य में 5G सेवाएं उपलब्ध कराने में सफलता मिलेगी। अब शहरों में कंपनियों की सेवाएं घरों के अंदर और बिल्डिंगों में भी अच्छी कवरेज दे सकेंगी। इसके अलावा इस स्पेक्ट्रम से दूरसंचार सेवाएं गांवों में भी बेहतर होंगी।

700 मेगाहर्ट्ज के बैंड में कंपनियों की ओर से कोई बोली नहीं मिली क्योंकि आर्थिक लिहाज से यह बैंड उनके लिए उपयोगी नहीं बनता है। इसमें कुल सात बैंड में चार लाख करोड़ रुपये के 2,308.80 मोगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए रखा गया था।

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