हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री बन गई हैं। उन्होंने मंगलवार को श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही वह साल 2000 में सिरीमावो भंडारनायके के बाद इस पद पर आसीन होने वाली दूसरी महिला नेता बन गईं। ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ (एनपीपी) की 54 वर्षीय नेता अमरसूर्या को राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने शपथ दिलाई। दिसानायके ने खुद समेत चार सदस्यों का मंत्रिमंडल नियुक्त किया है।
अमरसूर्या को न्याय, शिक्षा, श्रम, उद्योग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य तथा निवेश मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने की जगह यह जिम्मेदारी संभाली है। दिनेश गुणवर्धने ने राष्ट्रपति चुनाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
विजिता हेराथ और लक्ष्मण निपुर्णाच्ची ने मंत्री पद की शपथ ली
एनपीपी सांसदों विजिता हेराथ और लक्ष्मण निपुर्णाच्ची ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वे संसद भंग होने के बाद कार्यवाहक कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करेंगे।
संसदीय चुनाव नवंबर के अंत में हो सकते हैं
मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि संसदीय चुनाव नवंबर के अंत में हो सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद 56 वर्षीय दिसानायके ने रविवार को श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
नई प्रधानमंत्री का डीयू से कनेक्शन
बता दें कि हरिनी अमरसूर्या का भारत से एक खास रिश्ता है। उन्होंने अपने कॉलेज के शुरुआती साल दिल्ली विश्वविद्यालय में बिताए हैं। उन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज से पढ़ाई की थी। अमरसूर्या ने 1991 से 1994 तक दिल्ली विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। हिंदू कॉलेज की प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव ने कॉलेज की प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा पर गर्व व्यक्त किया है।
1991 से 1994 तक समाजशास्त्र की छात्रा थीं
उन्होंने कहा कि यह जानना सम्मान की बात है कि एक हिंदूवादी श्रीलंका का प्रधानमंत्री बन गया है। हरिनी 1991 से 1994 तक समाजशास्त्र की छात्रा थीं और हमें उनकी उपलब्धियों पर बेहद गर्व है। मुझे उम्मीद है कि हिंदू में बिताए उनके समय ने उनकी सफलता के मार्ग को आकार देने में भूमिका निभाई होगी। हिंदू कॉलेज में छात्र सरकार की एक लंबी परंपरा है और हम हर साल एक प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता का चुनाव करते हैं। हरिनी की नियुक्ति हमारे कॉलेज के गौरवशाली इतिहास में एक और मील का पत्थर है।
भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों को और मजबूत करेंगी
नलिन राजन सिंह उनके बैचमेट हैं। अब बॉलीवुड निर्देशक हैं। उन्होंने अमरसूर्या के साथ अपने छात्र जीवन के दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि मुझे उनकी धुंधली याद है, लेकिन मुझे पता है कि वे कॉलेज के उत्सवों और वाद-विवादों में बहुत शामिल रहती थीं। यह 90 का दशक था और हममें से बहुत से लोग इम्तियाज अली और अर्नब गोस्वामी जैसे अपनी पहचान बनाने लगे थे। उन्हें प्रधानमंत्री बनते देखना अद्भुत है। उनका मानना है कि अमरसूर्या की नई भूमिका भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों को और मजबूत करेंगी।