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२ अक्टू. गाँधी जयंती पर खबर विशेष –

सौ. फाईल फोटो

रिपोर्ट – अमित सिंह परिहार

एक नजर आपकी हमारी कलम पर

गांधी जयंती 2 अक्टूबर से एक दिन पहले दो समाचारों ने झकझोर दिया।

प्रथम – सागर की एक अवयस्क बालिका ने मंदिर की दान पेटी से अनाज के लिए महज 250 रुपये निकाले उसने इसलिए ऐसा किया कि चक्की वाले ने उसका 10 किलो गेंहू गुम जाना बताया ,मासूम लड़की क्या करती लाचारी व भूख के चलते वो मंदिर पोहच कर दान पेटी से पैसे निकाले व दूसरा गेंहू खरीदा , गरीब को भगवान ही का सहारा रहता है , दानपेटी में पैसा न देख अपना हक जाता देख पुजारी पुलिस में रिपोर्ट करता है ,जनता की सेवा व जान माल की सुरक्षा को तत्पर पुलिस तत्काल एक्शन में आ कर फुटेज खंगाल कर एक ना बालिग बालिका के विरुद्ध चोरी का केस दर्ज कर ,उसे पकड़ कर बालिका सुधार गृह शहडोल भेज देते है ।बहादुर पुलिस को ये नही पता कि नाबालिग के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध नही होता । सागर जिलाधीश उस बालिका को छुड़ा ले आते है ,प्रशासन की गलती को ढकने का अच्छा प्रयास है ।

गरीबी लाचारी का ये इकलौता उदाहरण नही है ऐसे हजारो प्रकरण है जो सामने नही आ पाते । क्या वरिष्ठ अधिकारी गण उस बालिका को न्याय दिलवाने का कोई प्रयास करेंगे ।वो चक्किवाला जो झुठ बोला ,वो पुलिस कर्मी जिनको कानून का ज्ञान ही नही ।उनकी अज्ञानता से एक बालिका को मानसिक संत्रास भोगना पड़ा

दूसरा समाचार – बड़वानी जिले के सेंधवा विकास खंड का है कि भूख के चलते एक ही परिवार के 6 लोग अस्पताल में भर्ती है जिसमे से एक बच्चे की मृत्यु भूख से होना पता चला है ये दोनों घटनाएं मानवता को शर्मसार करने वाली है ।देश को आज़ाद हुए 72 साल हो गए ,गांधीजी ने कल्याणकारी राज्य की कल्पना कर हमारा संविधान ऐसा ही बनाया की देश के प्रत्येक नागरिक को रोटी, कपड़ा ,मकान, स्वस्थ व शिक्षा मिलना ही चाहिए ।ये अनिवार्य है । परंतु क्या हो रहा है हम सभी बे हया हो देख रहे है ।जहाँ भूख से मौत हो रही , रोटी की जुगत में ना बालिग बालिका सम्प्रेषण गृह पोहच जाती है

क्या ये विकास है ,

      दूसरी तरफ जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई को अय्याश और लंपट नेता , नोकरशाह अपनी अय्याशीयो पे बेइंतिहा लूटा रहे है ।कोई देखने सुनने वाला नही ।
        एक तरफ भूख ,गरीबी ,लाचारी है तो दूसरी तरफ भोग विलास अय्याशी का खेल चल रहा है ।भारत का भविष्य तो ईश्वर ही जाने 

हम आज गांधीजी की 150 वी जयंती मना रहे है । खूब हो हल्ला हो रहा है ।राजनीतिक दल गांधीजी को भी बाटने में लगे है

मुझे लगता है देश के ऐसे हालात देख गांधीजी की आत्मा स्वर्ग में जार जार रो रही होगी । वे सोच रहे होंगे मैंने ऐसे भारत का सपना तो नही देखा था ।

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