इस्राइल पर हमास के हमले के दौरान सशस्त्र बलों की 77वीं बटालियन में सेवारत 19 वर्षीय सेना की जवान कॉर्पोरल नामा बोनी की जान चली गई। हमले के दौरान वह घायल हो गई थीं और उसी वक्त उन्होंने अपने परिवार को मैसेज किया कि आतंकी उनके छिपने वाले स्थान के बहुत करीब है।
बोनी को वहां से भाग निकलने का अवसर मिला और वह किसी अन्य जगह जाकर छिप गई। इस दौरान उन्होंने अपने घरवालों को संदेश भेजा, जिसमें बोनी ने लिखा, ‘मैं आप सबकी चिंता करती हूं। मेरे सिर पर चोट लगी है और आतंकी मेरे बिलकुल करीब है। वह किस भी क्षण मुझे गोली मार सकता है।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं वर्तमान समय में गोलानी ब्रिगेड के एक घायल सैनिक के साथ हूं और यहां रसद मौजूद नहीं है। एक आतंकी यहां से नहीं जा रहा है। मैं यहां किसी के चिखने की आवाज सुन सकती हूं।’
अब सिर्फ एक आंकड़ा बनकर रह गई बोनी
बोनी के रिश्तेदार ने बताया कि हमले के समय वह निकास द्वार के पास फंस गई थी। वह करीब 7:30 बजे और उसके बाद से संदेश भेज रही थी। हालांकि, इसके बाद उसका संदेश नहीं आया। इसके बाद बोनी के परिवारवाले उस तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। बाद में उन्हें बताया गया कि बोनी को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
रिश्तेदार ने बताया, ‘हम पूरी तरह से विश्वास करना चाहते थे कि वह जिंदा है, लेकिन सूचना अधिकारी ने उनके माता-पिता को बताया कि वह अब केवल एक आंकड़ा बनकर रह गई है।’ बोनी ने सात महीने पहले इस्राइली सेना में भर्ती हुई थी।
शनिवार सात अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर हमला किया, जिसमें अबतक 1200 के करीब इस्राइली नागरिकों की मौत हो चुकी है। वहीं इस हमले के बाद हमास ने सैकड़ों इस्राइली नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है।