लखनऊ राज्य निर्वाचन आयोग की तरह केन्द्रीय चुनाव आयोग लेगा संज्ञान ? पूर्व में महाराष्ट्र में भी निकाय चुनाव के दौरार इसी तरह की गड़बडियाँ सामने आयी थी, जिसमें अभिनेता से लेकर आम जनता भी हुई थी इसका शिकार, यहाँ तो जिदों के नाम गायब थे मुर्दों के नाम लिस्ट में अकिंत थे, ये पूरी सत्यता और साक्ष पर आधारित सवाल है। क्योंकि हर नागरिक सरकार को कर किसी न किसी रूप में चुकाता है । उसे अपने पसन्द का प्रतिनिधि चुनने का अधिकार संविधान ने दिया है। क्या बीएलओ और उन व्यक्तियों की पहचान कर जिनके द्वारा ऐसा घृणित कार्य किया गया है दण्डित किया जायेगा ?
– मनवाधिकार अभिव्यक्त
लखनऊ राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनाव में राजधानी लखनऊ की मतदाता सूची में मिली गड़बडिय़ों को गंभीरता से लिया है। आयोग ने अखबारों में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए लखनऊ जिले की मतदाता सूची में गड़बडिय़ों की जांच लखनऊ मंडल के कमिश्नर अनिल गर्ग को सौंप दी है। उन्होंने कमिश्नर को प्रारंभिक जांच के लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया है। दरअसल, रविवार को लखनऊ सहित 25 जिलों में नगरीय निकाय का चुनाव था। लखनऊ की वोटर लिस्ट में तमाम अनियमितताएं सामने आईं। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद कलराज मिश्र का भी नाम मतदाता सूची में नहीं था। इस कारण वह बगैर मतदान किए ही वापस चले गए। पूर्व चुनाव आयुक्त जीवीजी कृष्णमूर्ति भी वोट इसलिए नहीं डाल पाए क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं था।
– मिन्टू शर्मा