30 C
Mumbai
Friday, June 2, 2023

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

आपकी अभिव्यक्ति : राशन कार्डों की एसआईटी जाँच और सदाबहार सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर विशेष – भोलानाथ मिश्र

सरकार लोगों का पेट भरने के लिए राशन उपलब्ध कराती है और इसके लियेे सार्वजनिक वितरण प्रणाली बनी है।वर्तमान समय में सरकार खाद्यान्न गारंटी योजना के तहत समाज के पचहत्तर से अस्सी फीसदी लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह सस्ते दर पर राशन उपलब्ध कराती है। इसके लिए नये सिरे से पात्र गृहस्थी सूची तैयार करके आनलाइन की गयी है और उसी के अनुरूप उचित दर विक्रेताओं को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे पहले जब लाल सफेद पीले कार्ड बने थे तब भी लोग चिल्ला रहे थे कि पात्रों की जगह अपात्रों के नाम गलत कार्ड बना दिये गये हैं और आज भी लोग चिल्ला रहे हैं कि अपात्रों के नाम पात्र गृहस्थी सूची में शामिल कर लिये गये हैं। दो साल पहले मेरठ में बनाये गये नौ लाख राशन कार्डों की जाँच प्रदेश की एसआइटी पुलिस ने की थी और उसमें से अठ्ठावन हजार कार्ड ऐसे पाये गये हैं जो अपात्र यानी चार छः दस पहिया नौकरी पेशा और बहुमंजिला भवनों के मालिकों के नाम थे।एसआइटी ने इस सम्बंध में जाँच के दौरान कुल अस्सी अधिकारियों कर्मचारियों से पूंछतांछ करके इस घोटाले को उजागर किया है। ताज्जुब तो यह है कि इस सूची का सत्यापन भी कराया गया था फिर भी अपात्रों को सूची से बाहर नही किया गया है। एसआइटी पुलिस ने इस मामले में डीएसओ समेत बारह अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की सिफारिश की है। जाँच के दौरान दो जिलाधिकारियों की भी भूमिका संदेह के घेरे में आई है।मेरठ की जाँच रिपोर्ट को देखकर पूरे प्रदेश का अंदाजा लगाया जा सकता है क्योंकि चूल्हें पर पकने वाले चावल के एक दाने को देखकर पूरे भगोने के चावल का अंदाजा लग जाता है।इस बार पात्र गृहस्थी के कार्ड आनलाइन आवेदन के आधार पर बनाये गये हैं।इन आनलाइन आवेदनों की जाँच ग्राम विकास अधिकारी एवं क्षेत्रीय लेखपालों की संस्तुति के आधार पर बनाये गये हैं। लेखपालों के बहिष्कार के बाद कहीं कहीं पर इनका सत्यापन सफाई कर्मियों तक से कराया गया है।सफाई कर्मियों की जाँच के आधार पर बने राशन कार्ड कितने फीसदी सही होगें इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।हमारे कहने का मतलब यह नहीं है कि हर जिले की की स्थिति मेरठ जैसी है लेकिन कमोवेश घपला हर जिले में है। वितरण प्रणाली को सुधारने के प्रयास अनेकों बार किये जा चुके हैं तथा कार्डों का रंग बदलकर और उसमें महिला को मुखिया बनाकर फोटो आधार कार्ड सबकुछ लगाया जा चुका है इसके बावजूद फुल क्लीन आज तक नही हो पायी और जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली हालत बनी हुयी है।

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here