रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने
ईरान द्वारा अमरीका के विकसित ड्रोन ग्लोबल हाॅक को मार गिराए जाने के नए नए आयाम सामने आते जा रहे हैं।
देश-विदेश – भारत के संचार माध्यमों ने रिपोर्ट दी है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के एयर डिफ़ेंस सिस्टम द्वारा अमरीका के विकसित ड्रोन ग्लोबल हाॅक को मार गिराए जाने के बाद नई दिल्ली, अमरीका से सशस्त्र ड्रोन ख़रीदने के मामले में डांवाडोल हो गया है। हिंदुस्तान टाइम्ज़ की वेबसाइट के अनुसार भारत की सेना अमरीका से छः अरब डाॅलर के 30 ड्रोन ख़रीदने की योजना की समीक्षा कर रही थी लेकिन जबसे ईरान ने अमरीका के सबसे महंगे ड्रोन को गिराया है तब से भारत के सैन्य अधिकारियों को कश्मीर समेत विवादित क्षेत्रों पर उड़ान के संबंध में अमरीका के ड्रोन विमानों की क्षमताओं के बारे में संदेह हो गया है।
आरंभिक सूचना के अनुसार भारत की थल व वायु सेना अमरीका से दस “प्रिडेटर बी” ड्रोन ख़रीदने का इरादा रखती थी जबकि भारतीय नौसेना भी लम्बी दूरी तक उड़ान भरने वाले दस जासूसी ड्रोन ख़रीदना चाहती थी। भारतीय सूत्रों के अनुसार अमरीकी ड्रोनों की भारी क़ीमत भी उनकी ख़रीदारी की ओर से भारतीय सेना का इरादा बदलने का एक कारण है। इन सूत्रों के अनुसार इनमें से हर ड्रोन की क़ीमत दस करोड़ डाॅलर है और उन पर गाइडेड बम, लेज़र और हेल फ़ायर मीज़ाइल लगाने के लिए अन्य दस करोड़ डाॅलर ख़र्च करने होंगे।