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Wednesday, September 27, 2023

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हाईकोर्ट नाखुश – योगी के सिपेसालारों को कोर्ट में किया तलब, माता-पिता को भी पक्ष रखने को कहा, NHRC पूर्व में ही जारी कर चुका है नोटिस..!

योगी सरकार के शीर्ष अधिकारियों अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को समन जारी व हाथरस के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिया 12 अक्टूबर को दस्तावेजों के साथ अदालत में हाज़िर होने का आदेश, मृतक युवती के माता-पिता को भी अदालत आकर अपना पक्ष रखने को कहा, प्रशासन को दिया आदेश पीडित पक्ष की यात्रा का करें प्रबंध ! महाराष्ट्र के एक वकील की शिकायत पर NHRC इससे पूर्व जारी कर चुका है नोटिस।

लखनऊ – उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 वर्षीय दलित एक युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार, हत्या और उसके जबरन अंतिम संस्कार की घटना से नाखुश इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को समन जारी कर राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों को अदालत में उपस्थित होने को कहा।

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को सम्मन जारी कर सभी से 12 अक्टूबर को अदालत में पेश होने और मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है।

युवती के साथ 14 सितंबर को हुए कथित तौर पर हुए सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पीठ ने हाथरस के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी अदालत के समक्ष उपस्थित होने को कहा। पीठ ने अधिकारियों को घटना के बारे में अपने-अपने पक्ष से न्यायालय को अवगत कराने के लिए सभी संबंधित सामग्री और दस्तावेजों के साथ तैयार होकर आने को कहा।

माता-पिता की सहमति के बगैर रात में जबरन युवती का अंतिम संस्कार किए जाने से विशेष रूप से नाराज अदालत ने अधिकारियों से कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच की ताजा स्थिति के बारे में उसे बताने को कहा। पीठ ने युवती के माता-पिता से भी कहा है कि वे अदालत आकर अपना पक्ष रखें। अदालत ने हाथरस जिला प्रशासन को उनकी यात्रा का प्रबंध करने का आदेश दिया है।

ज्ञात हो कि इससे पहले एनएचआरसी (NHRC) ने भी यूपी पुलिस महानिदेशक (DGP) और प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया था। आयोग ने इस संबंध में डीजीपी और मुख्य सचिव को चार हफ्ते में घटना की रिपोर्ट देने को कहा। महाराष्ट्र के एक वकील से आयोग को ऐसी एक शिकायत मिली थी, जिसमें घटना की SIT या CB-CID जांच की मांग की गई थी.

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