आगरा के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एत्मादपुर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय मितावली में सहायक अध्यापक पद पर तैनात संतोष कुमारी को बर्खास्त कर दिया है। यह कन्नौज में तैनात शिक्षिका के नाम पर नौकरी कर रही थी। दोनों के नाम, जन्मतिथि और पैन एक ही थे। तीन बार नोटिस देने और विज्ञप्ति जारी करने के बाद भी शिक्षिका बेसिक शिक्षा अधिकारी के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए नहीं पहुंची।
जून 2020 में वित्त एवं लेखाधिकारी ने फर्जीवाड़ा पकड़ा था। संतोष कुमारी नाम से एक शिक्षिका जिले में और दूसरी कन्नौज में थी। दोनों जन्मतिथि (20 फरवरी 1968) और पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर) भी एक ही पाया गया। मामले की जांच शुरू कराई गई।
बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि तीन नोटिस देने के बाद भी संतोष कुमारी सामने नहीं आई। मामला पकड़ में आने पर ही वेतन रोक दिया गया था। विज्ञप्ति जारी करने के बाद भी शिक्षिका सामने नहीं आई तो उसकी सेवा समाप्त कर दी गई।अब इसकी जांच कराकर वेतन रिकवरी और एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। वहीं, कन्नौज के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने यहां जांच कराई तो पता चला कि वहां जिन संतोष कुमारी की तैनाती है, उनके सभी प्रमाणपत्र सही हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि संतोष कुमारी की सर्विस बुक दिखवाई गई तो पता चला कि वह वर्ष 2007 में फिरोजाबाद से स्थानांतरित होकर वह आगरा आई। जबकि नियुक्ति वर्ष 1999 की है। अब फिरोजाबाद के बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर संतोष कुमारी की नियुक्ति की जानकारी की जाएगी।
विभाग के सामने एफआईआर दर्ज कराने और वेतन रिकवरी की चुनौती है। संतोष कुमारी के जिले में लगे सारे प्रमाणपत्र कन्नौज में तैनात शिक्षिका के ही हैं। बस बैंक खाता नंबर अलग है। हालांकि बैंक खाता नंबर में भी नाम संतोष कुमारी का ही है।
आगरा में कौन नौकरी कर रही थी? उसका असली नाम क्या है? यह अभी विभाग को पता नहीं है। स्थानांतरण के समय सत्यापन कराया गया होता तो यह स्थिति सामने नहीं आती। शिक्षिका वर्ष 2007 से जिले में ही करीब 31 लाख रुपये वेतन ले चुकी है।