-रवि जी. निगम

- यूपी सरकार को 25 बार लिख चुके हैं पत्र, कोर्ट से मिल चुकी है क्लीन चिट उसके बावजूद बहाली क्यों नहीं ?
- सवाल बाक़ी डाक्टरों की बहाली फिर क्यों ? क्या येे कोर्ट की अवमानना नहीं ?
- क्या सरकारों के आगे कोर्ट कुछ भी नहीं ?
लखनऊ – गोरखपुर बीआरडी कालेज में तैनात रहे डाक्टर कफ़ील खान अब भी सियासी द्वेष भावना के चलते निलंबित चल रहे हैैं कोरोना काल में देश और इंसानों की सेवा कर सके इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से पच्चीस बार निवेदन किया लेकिन द्वेष भावनाओं सेे ग्रसित सरकार संज्ञान लेने को तैैैैयार नहीं है ? सबका साथ , सबका विकास ,सबका विश्वास का नारा देने वाले काम उसके उलट करते हैं न सबका साथ है ,न सबका विकास है , और न ही सबका विश्वास है|
मेडिकल संगठनों से मांगी मदद
लगता है कि यूपी सरकार या केन्द्र सरकार दोनों सरकार द्वेष भावनाओं से ग्रसित होकर कार्य कर रही हैं ? ऐसा मैं नही कह रहा हूँ ये बात सरकार की नियत ख़ुद बा साबित करती है। वही डाक्टर कफ़ील खान ने आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन), आइएपी (इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स) ,एनएनएफ़ (नेशनल नियोनेटोलॉजी फोरम) , पीएमसएफ़ (प्रोग्रेसिव मेडिकोस एंड साइंटिस्ट्स फोरम) और एमएससी (मेडिकल सर्विस सेंटर) को पत्र लिख कर अपने निलम्बन को ख़त्म कराने में मदद माँगी है।
योगी सरकार को लिख चुके हैं 25 पत्र
डाक्टर कफ़ील खान का कहना है वो बीआरडी मेडिकल त्रासदी के बाद कोर्ट और 9 अलग अलग जाँच में उन्हें क्लीन चिट मिलने के बावजूद पिछले 3 वर्षों से निलम्बित है, बाक़ी डाक्टर जो बीआरडी ऑक्सिजन त्रासदी में निलम्बित हुए थे उनकी बहाली हो गयी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को 25 से अधिक पत्र लिख कर अपनी बहाली के लिए निवेदन किया है ताकि वो इस समय कोरोना महामारी के समय देश की सेवा कर सके पर उत्तर प्रदेश सरकार उनकी बहाली नहीं कर रही।