यूपी की राजधानी लखनऊ में ऑटो रिक्शा चालक समेत आठ लोगों ने कृष्णानगर की एक मानसिक रूप से मंद महिला को आलमनगर की बीजी कालोनी में बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। जब महिला ने विरोध किया तो किया तो उसके कपडे फाड़ डाले और उसकी जमकर पिटाई की है।
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गौरतलब है कि महिला के परिवारीजन 23 सितम्बर को अपनी इस बेटी को पूरी रात ढूंढ़ते रहे लेकिन उनकी बेटी नहीं मिली, दूसरे दिन आलमबाग कोतवाली में उनकी बेटी होने की सूचना पर वह वहां पहुंचे तो बेटी को बुरी हालत में देखा।
पुलिस के मुताबिक बताया गया कि आठों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है और जिसमें चार आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है । वारदात शामिल चार और लोगों की पुलिस तलाश कर रही है।
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पीड़िता के पिता के मुताबिक उनकी बेटी 23 सितम्बर की शाम घर से निकली थी लेकिन वो देर शाम तक जब घर नहीं पहुँची तो उसकी खोजबीन की गयी लेकिन वह नहीं मिली तो रात साढ़े नौ बजे कृष्णानगर कोतवाली में उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी। 24 सितम्बर की सुबह आलमबाग कोतवाली से फोन आया कि उनकी बेटी थाने में है। इसके बाद ही वह थाने पहुंच गये थे। बेटी के कपड़े फटे व उसकी हालत देखकर सब सकते में आ गये थे।
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पीड़िता ने पुलिस को बताया कि कृष्णानगर में आरती जूस कार्नर के पास वह खड़ी थी, जहाँ एक ऑटो खड़ा था उस ऑटो ड्राइवर ने घर छोड़ने की बात कही और घर न छोड़ने की जगह वह उसे आलमबाग ले गया। फिर रेलवे कालोनी में घर में ले जाकर उसे बंधक बना लिया। यहां सबने उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के समय एक महिला भी थी।
इस पूरे मामले में इंस्पेक्टर अमरनाथ विश्वकर्मा के अनुसार बताया गया कि घटना में शामिल बीजी कालोनी निवासी शिवनंदन, उसके साथी सोने लाल, अशोक कुमार और गिरिजेश कुमार को रविवार देर रात ही गिरफ्तार कर लिया गया था।