देश में 2 से 18 उम्र के बच्चों की कोरोना वैक्सीन को DCGI की मंजूरी मिल गई है, कोरोना वायरस के खिलाफ क्लीनिकल ट्रायल में कोवैक्सिन करीब 78 फीसदी कारगर साबित हुआ।
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इससे पहले कोरोना टीका 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दिया जाता था। देश में कोवैक्सिन का परीक्षण तीन आयु समूहों पर किया गया था। पहले समूह की जांच 12-18 वर्ष के बीच, दूसरे समूह की 6-12 वर्ष के बीच और तीसरे समूह की 2-6 वर्ष के बीच की गई थी।
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इससे पहले भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि उसने 2 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों में अपने कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण डेटा भारत के दवा नियामक को सौंप दिया है, जो बहुत छोटे बच्चों में अपने शॉट का परीक्षण करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है।
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भारत कोरोना वायरस के खिलाफ बच्चों का टीकाकरण करने की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। पहले से ही लगभग 1.4 बिलियन की आबादी के बीच वयस्कों को 960 मिलियन से अधिक खुराक दी जा चुकी है।