लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव का विपक्षी पार्टियों की महिला सांसदों ने इसका विरोध किया है.
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तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने सरकार के कदम का विरोध करते हुए कहा, मोदी रिजीम चल रहा है. हम क्या खाएंगे या क्या पहनेंगे, कितने साल पर शादी करेंगे. सब मोदी जी के हाथ में है.”
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वहीँ शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि “जो भी फैसले हो रहे हैं महिलाओं से बग़ैर पूछे, बिना उनकी राय के लिए गए. जब वोटिंग ऐज (मतदान की उम्न) 18 साल है तो शादी के लिये 21 साल. कैबिनेट यह फैसला करेगी कितनी पढ़ाई करनी है, किससे शादी करनी है, कब बच्चा पैदा करना है, तो महिलाएं क्या करेंगी.”
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कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने कहा, “अभी उनका स्पष्ट बहुमत है. वो यह कानून क्यों नहीं लाते कि महिलाओं को आरक्षण मिले संसद और विधानसभा में. महिलाओ के बारे में फैसला महिलाओं को ही लेने दें. महिलाओं को लेकर बिल लेकर ताकत दे. वो चीजें थोपे नहीं.