26 C
Mumbai
Saturday, March 25, 2023

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

दारापुरी: सरकार को मंहगा पड़ेगा छात्रों का दमन

रेलवे में ग्रुप डी और नान टेक्निकल पापुलर केटेगरी परीक्षा को लेकर आंदोलनकारी छात्रों पर सरकार की दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ आज इंडियन पीपुल्स फ्रंट और दूसरे कई संगठनों ने वार्निंग देते हुए कहा है कि छात्रों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई सरकार को बहुत भारी पड़ेगी, साथ ही युवा मंच संयोजक राजेश सचान और दो अन्य छात्रों की फ़ौरन रिहाई की सरकार से मांग की. गौरतलब है कि प्रयागराज में आंदोलनरत एक हजार अज्ञात छात्रों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

बता दें कि 2019 में रेलवे ने लगभग 1 लाख ग्रुप डी और नान टेक्निकल पापुलर केटेगरी (एनटीपीसी) के लगभग 35 हजार पदों के विज्ञापन जारी किए थे। जिसमें दोनों परीक्षाओं के लिए एक-एक करोड़ से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था। इन दोनों परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए छात्रों ने देशव्यापी मुहिम चलाई थी जिसके बाद रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा फरवरी 2022 में ग्रुप डी की परीक्षा घोषित की गई और दिसम्बर 2020 से एनटीपीसी की सीबीटी-1 की परीक्षा आयोजित की गई। 15 जनवरी 2022 को एनटीपीसी के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए जिसमें छात्रों को नार्मलाइजेशन के नाम पर 20 गुना क्वालीफाई नहीं कराया गया और ग्रुप डी में दो स्तर की परीक्षा कराने से छात्रों में गहरा आक्रोश है।

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

पत्रकार वार्ता में कहागया कि जिस तरह से प्रयागराज में लाजों और हास्टल में घुसकर पुलिस ने दमन ढाया वह भाजपा सरकार द्वारा कायम किए जा रहे आतंक राज का जीवंत प्रमाण है। इसके विरूद्ध समाज के सभी तबकों से छात्रों के आंदोलन का समर्थन करने की अपील की गई।

पत्रकार वार्ता में कहा गया कि युवा मंच संयोजक राजेश सचान के बारे में जो सोशल मीडिया पर भड़काने की बात कही गई और वर्चुअल युवा पंचायत बुलाकर बवाल कराने का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तौर पर निराधार है। क्योंकि 25 जनवरी को गूगल मीट पर आयोजित वर्चुअल मीटिंग की प्रेस विज्ञप्ति से यह पूरे तौर पर स्पष्ट है कि युवा मंच ने छात्रों को न तो भड़काया और न ही युवा पंचायत से बवाल करने की कोई अपील की गई।

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

पत्रकार वार्ता में कहा गया कि रोजगार की मांग करना छात्रों युवाओं का मौलिक अधिकार है वह उन्हें मिलना ही चाहिए। जिन पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर छात्रों का दमन किया गया है उनकी शिनाख्त होनी चाहिए और उन्हें दंडित करना चाहिए। महज एक पुलिस इंस्पेक्टर और 6 पुलिस कर्मियों का निलम्बन करके सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकती है।

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here