पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले कश्मीर का राग अलापने वाले शाहबाज़ शरीफ ने अब भारत के साथ अच्छे संबंधों की इच्छा ज़ाहिर की है मगर कश्मीर की शर्तों के साथ.
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प्रधानमंत्री के रूप में सदन में अपने पहले भाषण में शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कामयाब हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है.’’
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इस दौरान शहबाज ने विदेश नीति को लेकर भी रुख साफ किया. उन्होंने कहा कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना इसे हासिल नहीं किया जा सकता है.
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नए पीएम ने कहा, ”जब पाकिस्तान ने हिन्दुस्तान में पांच धमाके करके हिन्दुस्तान के दांत खट्टे कर दिए थे और पाकिस्तान की आलोचना की जा रही थी, तब सऊदी अरब ने हमारा साथ दिया था. सऊदी अरब के बगैर कश्मीर का मसला नहीं सुलझाया जा सकता है.