श्रीलंका में आर्थिक संकट और विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे से ठीक पहले उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘श्रीलंका में भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है, ऐसे में मैं आम जनता से संयम बरतने और यह याद रखने की अपील करता हूं कि हिंसा से केवल हिंसा फैलेगी. आर्थिक संकट में हमें आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसे यह प्रशासन हल करने के लिए प्रतिबद्ध है.’’
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राजपक्षे का बयान देश में हिंसा की घटनाओं के बीच आया, जिसमें कम से कम 16 लोग घायल हो गए. महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने उनके आधिकारिक आवास के पास एकत्रित हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया जिसके बाद पुलिस को राजधानी में कर्फ्यू लगाना पड़ा.
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महिंदा के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर देश के सामने मौजूद सबसे भयावह आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरिम प्रशासन के गठन का दबाव है. महिंदा राजपक्षे (76) पर उनकी अपनी श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के नेताओं की ओर से इस्तीफे का दबाव था. वह इस दबाव के खिलाफ समर्थन जुटा रहे थे.
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राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार की रात को देश में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा की थी. राजपक्षे ने उनके निजी आवास के बाहर जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन के बाद एक अप्रैल को भी आपातकाल की घोषणा की थी. हालांकि, पांच अप्रैल को इसे वापस ले लिया गया था.