27 महीने बाद जेल से छूटे समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान सोमवार को उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विधायकी की शपथ लेंगे. इस दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी मौजूद रहेंगे. आजम कल सपा चीफ अखिलेश यादव के बराबर में बैठेंगे.
आजम खान को विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर विधायक पद की शपथ लेनी होगी, क्योंकि कोर्ट ने मार्च में सीतापुर जेल में रहते हुए आजम खान को विधानसभा में शपथ लेने की अनुमति नहीं थी.
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बता दें कि उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में 27 महीने गुजारने के बाद आजम खान 20 मई को जमानत पर रिहा हुए थे. सीतापुर जेल से बाहर निकलते ही आजम के दोनों बेटों और शिवपाल यादव ने उनका स्वागत किया था. सीतापुर में सपा के पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के घर जलपान के बाद आजम रामपुर के लिए निकले थे.
आजम खान का कल यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से आमना-सामना होगा. आजम खान जेल से ऐसे समय बाहर आए हैं जब सूबे में विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है. 23 मई से उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू होकर 31 मई तक चलेगा. योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 26 मई को पेश करेगी.
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विधानसभा बजट सत्र में ये देखना बेहद दिलचस्प होगा कि सीएम योगी आदित्यनाथ से आमना-सामना होने पर आजम खान का रिएक्शन कैसा रहता है, क्योंकि पांच साल में दोनों ही नेताओं के बीच सियासी अदावत काफी गहरी हो चुकी है. ऐसे में माना जा रहा है कि आजम खान अगर विधानसभा पहुंचने पर अपनी पीड़ा को सदन के पटल पर रख सकते हैं.
1980 में आजम खान जनता पार्टी के टिकट पर लड़े और जीते. ये पहली बार था जब आजम खान विधायक बने. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1985 में लोक दल के टिकट पर विधायक बने. 1989 में जनता दल के टिकट पर निर्वाचित हुए और पहली बार यूपी सरकार में मंत्री बने.इसके बाद 1991, 1993, 2002, 2007, 2012 और 2017 में भी आजम खान ने विधानसभा चुनाव में अपने विरोधियों को बैक-टू बैक शिकस्त दी.
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हालांकि, 1996 में उन्हें हार का स्वाद भी चखना पड़ा. कांग्रेस के अफरोज अली खान ने आजम खान को हराया. ये चुनाव हारे तो उन्हें राज्यसभा सदस्य बना दिया गया. कुल मिलाकर आजम खान 10 बार विधायक बन चुके हैं. एक बार राज्यसभा सांसद और एक बार 2019 में लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने 2022 में जेल में रहते हुए रामपुर सीट से विधानसभा चुनाव जीता था.