ओकलाहोमा के अस्पताल परिसर में हमलावर ने अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें कम से कम तीन व्यक्तियों के मारे जाने का समाचार है जबकि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में हमलावर भी मारा गया।
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अमेरिकी पुलिस ने बताया है कि सेंट फ्रांसिस अस्पताल के परिसर में हुई गोलीबारी में शूटर सहित 4 लोग मारे गए हैं। मामले की जांच की जा रही है। इस घटना पर व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि व्हाइट हाउस स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और स्थानीय अधिकारियों से इस संबंध में आवश्यक सहायता का अनुरोध भी किया है।
अमेरिकी पुलिस विभाग ने ट्विटर पर जानकारी दी कि अधिकारी अभी भी सेंट फ्रांसिस अस्पताल परिसर को खाली कराने के लिए काम कर रहे हैं। कैप्टन रिचर्ड म्यूलेनबर्ग ने एबीसी को बताया कि पुलिस को मेडिकल परिसर में एक इमारत की दूसरी मंजिल पर राइफल वाले एक व्यक्ति के बारे में एक कॉल आई और उसने गोलीबारी शुरू कर दी। जब तक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, उन्होंने देखा कि कुछ लोगों को गोली मार दी गई है। उस समय एक कपल की मौत भी हो गई थी। साथ ही यह भी जानकारी दी कि शूटर की मौत के कारणों का पता अभी नहीं चल सका है।
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गत मंगलवार को भी अमेरिका में पार्किंग विवाद को लेकर गोलीबारी की घटना सामने आई थी, जिसमें एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। वहीं दो लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा टेक्सास में हुई गोलीबारी में 21 छात्रों की मौत हो गई थी। गोलीबारी की इस घटना ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस घटना के बाद गन पॉलिसी को बदलने को लेकर अपील की थी।
ज्ञात रहे कि अमेरिका में गोलीबारी आम बात हो गयी है। इस देश में गोलीबारी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन ओपन फायरिंग की घटना सामने आती रहती है और यह सब गन कल्चर का नतीजा है।
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जानकार हल्कों का कहना व मानना है कि अमेरिका को चाहिये कि दूसरे देशों में होने वाली हिंसक घटनाओं पर चिंता जताने के बजाये स्वंय अपने यहां होने वाली हिंसा पर विराम लगाने का प्रयास करे।
इसी प्रकार इन विश्लेषकों का मानना है कि दूसरे देशों को मानवाधिकार का पाठ पढ़ाने के बजाये अमेरिका को चाहिये कि वह अपने देश के नागरिकों को मानवाधिकार की शिक्षा दे।