अमरीका में टेक्सास सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि क्लीनिक गर्भपात करना जारी रख सकते हैं।
अमरीका के सुप्रीम कोर्ट ने रो बनाम वेड मामले से संबंधित फैसले को पलटते हुए गर्भपात कराने के महिलाओं के संवैधानिक अधिकार को निरस्त करने का फ़ैसला सुनाया था जिसके बाद से देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं।
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अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न प्रांतों को अपनी सुविधा के मुताबिक़ गर्भपात संबंधी क़ानून लागू करने का आदेश दिया था। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका है कि टेक्सास के क्लीनिक जिन्होंने इस सप्ताह मरीज़ों को देखना फिर से शुरू किया था वे फिर से अपनी सेवाएं बंद करेंगे अथवा नहीं।
इस मामले पर अगली सुनवाई इस महीने के अंत में होनी है। टेक्सास के क्लीनिक द्वारा गर्भपात कराने आए मरीजों को वापस भेजना, मरीजों को दोबारा समय देना और अब संभावित रूप से फिर से मरीजों के चिकित्सकों से मिलने के निर्धारित समय को रद्द कर देना, यह सभी चीज़ें एक सप्ताह के भीतर ही हुई हैं।
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ज्ञात रहे कि अमरीका के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद क़रीब तीन करोड़ की आबादी वाले टेक्सास प्रांत में क्लीनिक ने गर्भपात करना बंद कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करने वाले एक शोध समूह ‘गुट्टमाकर इंस्टीट्यूट’ की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में अमरीका में 9 लाख 30 हज़ार से अधिक गर्भपात के मामले सामने आए. जबकि यह आंकड़ा 2017 में करीब 8 लाख 62 हज़ार था।
ज्ञात रहे कि अमरीका में गर्भपात एक संवेदनशील मुद्दा है, महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिया जाए या नहीं इसमें धार्मिक कारक भी शामिल हैं। यह रिपब्लिकन्स (कंज़रवेटिव) और डेमोक्रेट्स (लिबरल्स) के बीच विवाद का मुद्दा रहा है। यह विवाद 1973 में सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था, जिसे रो बनाम वेड के मुकद्दमें के नाम से भी जाना जाता है
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