भारत के मणिपुर राज्य के नोनी ज़िले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हुई भूस्खलन की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। मरने वालों में 18 सेना के जवान शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक प्रादेशिक सेना के 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचा लिया गया है, जबकि 38 लोग अब भी लापता हैं। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है।
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नोनी ज़िले में बीते 29 जून की रात टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण स्थल के पास प्रादेशिक आर्मी कैंप में भूस्खलन हुआ था। एनडीआरएफ के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनआरडीएफ) के तीन दल के अलावा सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा खोज एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि चूंकि अधिकारियों को बारिश और अन्य कारणों से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, मलबे में दबे कर्मचारियों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए हवाई मार्ग से एक रडार भी शामिल किया जा रहा है।
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पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलीता ने घायल प्रादेशिक सेना के जवानों से मुलाकात की, जिन्हें 30 जून को लीमाकोंग सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि अब उनका इलाज मंत्रिपुखरी में असम राइफल्स के अस्पताल में चल रहा है।
सेना ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर में भूस्खलन के बाद लापता हुए प्रादेशिक सेना के 15 जवानों और 29 नागरिकों की तलाश जारी रहेगी।
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सेना ने एक बयान में कहा, ‘थ्रू वॉल राडार का इस्तेमाल कीचड़ के अंदर किसी भी मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जा रहा है।