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Friday, June 2, 2023

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सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से छिना उद्धव ठाकरे सरकार की वजह से, पलटवार शिंदे के मंत्री का

वेदांता और ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन के बीच सेमीकंडक्टर प्लांट को लेकर 1.54 लाख करोड़ रुपये की डील हुई है। इसके तहत गुजरात में प्लांट लगना है, लेकिन इसे लेकर महाराष्ट्र में राजनीति तेज है। सूबे के विपक्षी नेता अजित पवार ने एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाया था कि उनके चलते यह प्रोजेक्ट गुजरात चला गया, जबकि यह महाराष्ट्र को मिलना था। अब इस पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि पीएम मोदी ने भी कहा कि उद्धव सरकार के चलते यह प्रोजेक्ट गुजरात में लगाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने महाराष्ट्र को भरोसा दिलाया है कि जल्दी ही इससे भी बड़ा प्रोजेक्ट राज्य को मिलेगा, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।

उदय सामंत ने कहा कि मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने एकनाथ शिंदे से बात की थी और कहा कि जल्दी ही महाराष्ट्र को भी एक प्रोजेक्ट मिलेगा। यही नहीं उन्होंने कहा कि इस प्लांट को महा विकास अघाड़ी सरकार की असफलता को उजागर करने के लिए वह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। सामंत ने कहा, ‘कल शिंदे से बातचीत में पीएम ने कहा कि कंपनी को बीते 7 महीनों में सही जवाब नहीं मिला, जिसका इंतजार था। इसी के चलते मौजूदा हालात पैदा हुए।’ उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके बाद भी भरोसा दिलाया है कि महाराष्ट्र को इससे भी बड़ा एक प्रोजेक्ट दिया जाएगा। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। 

उद्धव सरकार पर ही फोड़ा ठीकरा, कहा- रवैया ही गलत था

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सामंत ने कहा, ‘बीते दो महीनों में महाराष्ट्र से कोई भी प्रोजेक्ट छिना नहीं है। सिर्फ सियासत के लिए राजनीति करना अच्छी बात नहीं है। महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास के लिए सभी को कोशिश करनी चाहिए। इन आधारहीन आरोपों को लेकर मैं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा और सभी आरोपों के जवाब दूंगा।’ उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर बीते 8 महीनों से बात चल रही थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने मामले को सही से डील ही नहीं किया। इस पर यदि सरकार इंसेंटिव पैकेज देती और पावर इंसेंटिव देती तो शायद गुजरात की बजाय हमें यह प्रोजेक्ट मिल जाता।

फडणवीस ने अनिल अग्रवाल से बात भी की थी

उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर हमने बीते कुछ महीनों में कई मीटिंग की थीं। इस पर विचार हुआ कि कैसे कंपनियों को इंसेंटिव दी जा सकती है। खुद देवेंद्र फडणवीस ने भी अनिल अग्रवाल से बात की थी, लेकिन शायद उन्हें लगा कि बीते 7 से 8 महीनों का जो अनुभव था, वैसा ही मामला है। इसलिए उन्होंने यह प्रोजेक्ट गुजरात ही ले जाने का फैसला लिया। ऐसे में विपक्ष सरकार पर आरोप क्यों लगा रहा है? 

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