मिशन 2024 और 2025 में सीमांचल में भाजपा के किले को मजबूत बनाने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है। सीमांचल के चारों जिले पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार में भाजपा की डोर अब भी कमजोर है। बिहार में जेडीयू से अलग होने के बाद भाजपा के लिए सीमांचल में चुनौती और बढ़ गयी है। मिशन 2024 के मद्देनजर भाजपा ने बिहार में 35 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। गृह मंत्री अमित शाह के 23 और 24 सितंबर के सीमांचल दौरे को इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कोसी और सीमांचल के जिलों के भाजपा संगठन के पदाधिकारियों की बैठक किशनगंज में रखना कहीं न कहीं इसी ओर इशारा कर रहा है। अमित शाह के बहाने भाजपा सीमांचल के साथ-साथ बंगाल को भी साधने में लग गयी है। किशनगंज से बंगाल का क्षेत्र सटा रहने के कारण भाजपा की नजर उधर भी है।
सीमांचल के चारों जिले में 24 विधानसभा सीट है। यादव और मुस्लिम बहुल यह इलाका शुरू से भाजपा के लिए चुनौती भरा रहा है। एनडीए गठबंधन में दरार आने के बाद सीमांचल के चारों जिले में भाजपा की पकड़ ढीली पड़ गयी है। जिसे मजबूत बनाना भाजपा के लिए इतना आसान नहीं होगा।
2014 के लोकसभा चुनाव में सीमांचल से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी भाजपा
सीमांचल के चुनाव नतीजों पर गौर करें तो वर्ष 2014 में जब देश में मोदी लहर थी तब भी बीजेपी यहां की 4 लोकसभा सीटों में से कोई भी सीट नहीं जीत पायी थी। 2019 के चुनाव में बीजेपी को एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा था। वहीं विधानसभा के नतीजों की बात करें तो 2015 के चुनाव में कांग्रेस ने सीमांचल से 9 सीटें जीती थी। जेडीयू को 6, बीजेपी को 6 और आरजेडी को 3 सीटें मिली थी। एक सीट भाकपा माले को गयी थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को 7 सीटें मिली थी। 5 सीटें एआईएमआईएम ने जीती थी और एनडीए को 12 सीटें मिली थी।
लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। एआईएमआईएम के पांच विधायक राजद में जा चुके हैं। एनडीए से टूटने के बाद जेडीयू भी आरजेडी के साथ महागठबंधन में शामिल हो गया है। सीमांचल में भाजपा के पास अब 7 सीटें ही बच गयी है। वहीं महागठबंधन के सीटों की संख्या बढ़कर 17 हो चुकी है जिनमें जेडीयू की भी सीटें है। इससे स्पष्ट है कि सीमांचल में महागठबंधन का पलड़ा भारी पड़ गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को लेकर बीजेपी नेताओं का आगमन शुरू हो गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल यहां पहुंचकर कार्यकर्ताओं से मंथन कर चुके हैं। वहीं भाजपा के बिहार के सह प्रभारी सांसद हरीश द्विवेदी भी यहां पहुंच चुके हैं। सीमांचल में इस समय बिहार बीजेपी के दर्जनों नेता कैंप कर रहे हैं ताकि अमित शाह की रैली में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाकर अपनी ताकत दिखाई जा सके।