इंटरपोल ने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज को लेकर चिंता जताई है। इंटरपोल के सिक्योरिटी जनरल जर्गेन स्टॉक ने सोमवार को इस पर अपनी बात रखी। इसके मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉयटेशन डेटाबेस को देखने के बाद चौंकाने वाली बात सामने आई है। इसमें दिखा है कि औसत रूप से हर रोज सात बच्चा चाइल्ड एब्यूज का शिकार बन रहा है। इसके अलावा इंटरपोल ने अपराधों के आर्थिक रूप से भी समाज पर असर पड़ने की बात कही है।
डेटाबेस का दिया हवाला
इंटरपोल के सेक्रेट्री जनरल जर्गेन स्टॉक ने कहा कि हर दिन सात बच्चे चाइल्ड एब्यूज का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉयटेशन डेटाबेस का हवाला दिया। साथ ही कहा कि अभी तक 30 हजार विक्टिम्स की पहचान की गई हैं। स्टॉक ने कहा कि बच्चे दुनिया में सबसे आसान शिकार हैं। इन्हें इस तरह के उत्पीड़न से बचाने के लिए हमें अपनी लड़ाई को और ज्यादा तेज करना होगा।
हिंसा में हुआ है इजाफा
इंटरपोल के मुताबिक वास्तविक दुनिया के साथ-साथ आभासी दुनिया में भी हिंसा में इजाफा हुआ है। इसके चलते सामाजिक और आर्थिक रूप से बुरा असर पड़ रहा है। इंटरपोल के सेक्रेट्री जनरल ने कहा कि इन अपराधों के असर से सरकार और व्यापार भी अछूते नहीं हैं। ऑर्गनाइज्ड क्राइम करोड़ों डॉलर की कमाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि फैक्ट यह है कि चुराई गई संपत्तियां अपराधियों के ही ही हाथ में रह जा रही हैं। यह एक बड़ी चिंता का विषय है।