रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बुधवार को यूक्रेन के चार प्रांतों में सैन्य शासन की घोषणा कर दी है। पिछले महीने पुतिन ने इन प्रांतों का रूस में विलय का ऐलान किया था। जनमत संग्रह के बाद व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि ये क्षेत्र अब रूस के अंतरगत आते हैं। व्लादिमीर पुतिन ने एक समन्वय परिषद बनाने का आदेश दिया है जो कि यूक्रेन में रूस के शासन के साथ तालमेल बनाने का काम करेगी।
पुतिन ने कहा, हम रूस के भविष्य के लिए बहुत की मुश्किल काम को पूरान करना चाहते हैं और इस समस्या का हल निकालना चाहते हैं। बता दें कि यूक्रेन के खेरसॉन समेत कई जगहों पर रूसी सैनिकों को हार का सामनेा करने के बाद यह बड़ा कदम उठाया गया है। पुतिन ने कहा कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने, उद्योग और उत्पादन को बढ़ाने के लिए ये ऐलान किए गए हैं। इससे पहले रूस ने खेरसॉन में दहशत फैलाने की कोशिश की थी। रूस ने कहा था कि यूक्रेन यहां हमला कर सकता है इसलिए सभी नागरिक शहर छोड़कर निकल जाएं।
पुतिन ने यह भी ऐलान किया है कि यूक्रेन से सटे आठ प्रांतों के लोगों को बाहर आने जाने की इजाजत नहीं होगी। इसमें क्रासनोदर, बेलगोरोद, ब्रियानंस्क, वोरोनेज, कुरस्क और रोस्तोव शामिल हैं। बता दें कि रूस ने जब यूक्रेन के चार प्रांतों में जनमत संग्रह करवाया था तब भी काफी सवाल उठे थे। पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया था कि लोगों से बंदूक की नोक पर वोट डलवाए गए।
बता दें कि रूस ने जिन चार प्रांतों के विलय का ऐलान किया था वे हैं…. लुहान्स्क, दोनेत्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया। इनमें से लुहान्स्क, दोनेत्स्क में रूस पहले से ही हक जताता रहा है। वहीं खेरसॉन रूस के लिए बेहद अहम है।