32 C
Mumbai
Tuesday, May 30, 2023

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

इमरान के लॉन्ग मार्च को रोकने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की, कहा- विवाद राजनीति से हल करें

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका खारिज कर दिया जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लॉन्ग मार्च को रोकने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा है और इसे राजनीतिक रूप से  ही हल किया जाना चाहिए। 

दरअसल, सत्तारूढ़ गठबंधन (पीडीएम) के सांसद कामरान मुर्तजा ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के लॉन्ग मार्च के खिलाफ याचिका दाखिल की थी।  

चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने याचिका पर सुनवाई की। बेंच में दो अन्य जज जस्टिस अतहर मिनल्लाह और आयशा मालिक शामिल थीं।

दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा, यह एक राजनीतिक समस्या है। इसे राजनीतिक तरीके से ही हल किया जा सकता है। इसके बाद कोर्ट ने सांसद की याचिका खारिज कर दी। 

जस्टिस बंदियाल ने यह भी टिप्पणी की कि देश के सामने आने वाले राजनीतिक मुद्दों को हल करने के लिए संसद को मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा, आप एक सीनेटर हैं, संसद को मजबूत करें। 

चीफ जस्टिस ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि संवैधानिक उल्लंघन का स्पष्ट खतरा होगा तो शीर्ष कोर्ट हस्तक्षेप करेगी। कोर्ट ने कहा कि संविधान सभी को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देता है, लेकिन यह कानून के दायरे में होना चाहिए। 

जस्टिस मिनल्लाह ने कहा कि किसी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए कार्यपालिका के पास व्यापक शक्तिया हैं। न्यायपालिका के हस्तक्षेप से प्रशासन और संसद की शक्तियां कमजोर हो जाएंगी। 

जस्टिस मलिक ने विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए सरकार की तैयारियों के बारे में पूछा। एडिशन अटॉर्नी जनरल जनरल चौधरी आमिर रहमान ने कोर्ट को बताया कि प्रशासन ने खान की पार्टी को इस्लामाबाद से 25 किलोमीटर दूर रैली आयोजित करने के लिए कहा गया था और पीटीआई से शांति बनाए रखने के लिए हलफनामा मांगा गया था, लेकिन उन्होंने अब तक इसे उपलब्ध नहीं कराया है। 

लॉन्ग मार्च 28 मार्च को शुरू हुआ था। इसके बाद से यह इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहा है। इमरान खान की पार्टी ने इस्लामाबाद में एक शक्ति रैली आयोजित करने की घोषणा की है और इसके लिए अनुमति भी मांगी है। लेकिन सरकार ने इसके लिए अनुमति नहीं दी है। 

इसी साल अप्रैल में खान को अविश्वास मत के जरिए पद से हटाया गया था। इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों के कारण अमेरिका के नेतृत्व में साजिश की गई। हालांकि, अमेरिका ने इन आरोपों से इनकार किया था। 

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here