चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के खिलाफ हाल ही में व्यापक विरोध प्रदर्शन देशभर में देखने को मिले हैं। इन प्रदर्शनों पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आई है। प्रदर्शनकारियों को लेकर शी जिनपिंग ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से कहा कि वे मुख्य रूप से छात्र या किशोर थे, जो तीन साल से चल रही महामारी के कारण निराश थे। एक मीडिया रिपोर्ट ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
शी ने गुरुवार को राजधानी बीजिंग में मिशेल के साथ बातचीत की। हॉन्गकॉन्ग स्थित एक अखबार ने ब्रसेल्स से अपनी रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा, अपनी बातचीत में मिशेल ने टीकों के इस्तेमाल का अनुरोध किया और फिर चीन की सरकार द्वारा किए गए उपायों पर सवाल उठाए।
यूरोपीय अधिकारियों का कहना है कि मिशेल के साथ बैठक के दौरान शी की टिप्पणी संकेत दे रही है कि वह नियंत्रण को और ढीला करने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी नेता ने यह भी कहा है कि ओमिक्रॉन स्ट्रेन ‘कम घातक’ है। उन्होंने बुजुर्गों के टीकाकरण के बारे में चिंता व्यक्त की।
यह पहली बार है जब शी जिनपिं ने जनता के विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणीकी है। इन प्रदर्शनों से उनकी सरकार को बड़ा झटका लगा है। इसके बाद से चीन के प्रमुख शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
चीन की जीरो-कोविड नीति के खिलाफ देशभर में विभिन्न शहरों में जबरदस्त प्रदर्शन देखने मिल रहा है। अधिकारियों ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के बहाने लोगों को उनके ही अपार्टमेंट में ही बंद कर दिया था। प्रदर्शनकारियों शी जिनपिंग के इस्तीफे की मांग करते हुए भी नारे लगाए।