पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए अमेरिका ने अपने बजट में 15 मिलियन डॉलर(लगभग 120 करोंड़ रुपये की फंडिंग को शामिल करने का फैसला किया है। अमेरिका का यह कदम दोनों देशों में फल-फूल रहे आतंकियों के खिलाफ नकेल कसने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इतना ही नहीं अमेरिका पाकिस्तान में लैंगिक विषमता को खत्म करने के लिए भी मदद करने का एलान किया है। पाकिस्तानी समाचार पत्रिका डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका की यह घोषणा अफगानिस्तान से आतंकवादी हमलों को रोकने में इस्लामाबाद की मदद करने की इच्छा को रेखांकित करती है जो कि पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं। इसके अलावा लैंगिक समानता के लिए प्रदान की गई धनराशि सामाजिक विकास में पाकिस्तान के साथ अमेरिकी जुड़ाव की संभावना को दर्शाती है।
आतंकवाद को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान दोनों ने जारी किया बयान
जियो न्यूज द्वारा टीटीपी के खतरों से निपटने में इस्लामाबाद की मदद करने के वाशिंगटन के आह्वान पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ एक मजबूत साझेदारी चाहता है और बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकवादी और आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की उम्मीद करता है। वहीं अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद के कारण दोनों देशों को बहुत नुकसान हुआ है। प्रवक्ता ने जियो न्यूज के हवाले से कहा हम सभी क्षेत्रीय और वैश्विक आतंकवादी खतरों को खत्म करने के लिए सहकारी प्रयासों की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उन तरीकों पर चर्चा करना जारी रख रहे हैं जो इस संबंध में सबसे प्रभावी हो सकते हैं।
अमेरिका पाकिस्तान को टीटीपी से निपटने में मदद करेगा
अमेरिका ने कई मौकों पर कहा है कि वह टीटीपी से निपटने में पाकिस्तान की मदद करेगा। आतंकवादी समूह ने अफगानिस्तान की धरती का उपयोग करते हुए पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की हाल ही में अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान इस मुद्दे का उल्लेख किया गया था। जियो न्यूज के मुताबिक ब्लिंकेन ने हाल के आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों के लिए अपनी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के दृढ़ समर्थन को रेखांकित किया।