चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान को सीमा और महासागर मामलों के विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है। लिजियान को ‘वुल्फ वॉरियर’ (भेड़िया योद्धा) डिप्लोमेट के रूप में जाना जाता है। वह विशेष रूप से अमेरिका और अन्य देशों के खिलाफ आक्रामक टिप्पणियों और ट्वीट्स को लेकर चर्चाओं में रहे हैं।
झाओ को साल 2019 में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था। उससे पहले उन्होंने इस्लामाबाद में चीनी दूतावास में उप राजदूत के रुप में काम किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में अपनी प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जब भी वे देशों के बारे में किसी सवाल का जवाब देते थे, तो पाकिस्तान में अपनी पोस्टिंग के बारे में प्रशंसा वाले शब्द बोलते थे।
हालांकि उनके स्थानांतरण के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की घई है, लेकिन उनका नाम चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रवक्ताओं की सूची से हटा दिया गया है। वेबसाइट में उनका नाम अब मंत्रालय के सीमा और महासागर मामलों के विभाग के उप महानिदेशक के रूप में जोड़ा गया है। यह विभाग भूमि और महासागर में चीन के दावों और समझौतों से जुड़ा है।
उनका तबादला ऐसे समय में हुआ है जब वांग यी की जगह चीन के नए विदेश मंत्री के रूप में किन गैंग की नियुक्ति की गई है। इससे पहले किन अमेरिका में चीन के दूत रूप में काम कर रहे थे। अमेरिका के अपने विदाई संदेश में किन ने कहा कि उनकी प्राथमिकता चीन और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारना है। किन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाते हैं।
झाओ मार्च 2020 में तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने अमेरिकी सेना पर चीन में कोरोना वायरस को लाने का आरोप लगाया था। कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान शहर में आया था। बाद में यह दुनियाभर में फैल गया और सदी की महामारी बन गया। इस महामारी ने दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ली।