चुनाव आयोग (ईसीपी) ने मंगलवार को अवमानना के एक मामले में अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
यह मामला पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (इमरान खान की पार्टी) के शीर्ष नेताओं द्वारा पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) और मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा के खिलाफ जारी किए गए बयानों पर आधारित है।
इमरान खान और उनके सहयोगियों के खिलाफ वारंट
निसार दुर्रानी की अध्यक्षता वाली ईसीपी की चार सदस्यीय पीठ ने खान और उनके करीबी सहयोगी फवाद चौधरी और असद उमर के खिलाफ वारंट जारी किया। चुनाव निकाय ने इससे पहले पिछले साल अगस्त और सितंबर में अवमानना की अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उनके खिलाफ नोटिस जारी किया था। तब पीटीआई के नेताओं ने बार-बार ईसीपी और सिकंदर सुल्तान राजा को उनकी पक्षतापूर्ण नीति और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएन-एल) का कथित रूप से समर्थन करने का दावा किया था।
ईसीपी ने पीटीआई नेताओं की याचिका को किया खारिज
पिछली सुनवाई में ईसीपी ने पीटीआई के नेताओं को पेश होने का आखिरी मौका दिया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान आयोग ने उनकी उपस्थिति से छूट की याचिका को खारिज कर दिया और प्रत्येक को पचास हजार रुपये के जमानती बांड के साथ उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। खंडपीठ ने सुनवाई 17 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
तटस्थ भूमिका निभाने में विफल रहा चुनाव आयोग: इमरान
खान आरोप लगाते रहे हैं कि चुनाव आयोग एक तटस्थ भूमिका नहीं निभाने में विफल रहा है और वह ईसीपी प्रमुख से इस्तीफे की मांग करते रहे हैं। ईसीपी प्रमुख ने उनकी मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह कानून के अनुसार काम कर रहे हैं।