मानवाधिकार परिषद (एचआरसी) में सोमवार को एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों को उजागर किया है। जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव (फर्स्ट सेक्रेटरी) पवन बधे ने कहा कि पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड में भारी गिरावट आई है। पाकिस्तान में शिया, हजारा मुस्लिमों समेत अल्पसंख्यकों को हिंसा और प्रणालीगत (सिस्टेमैटिक) उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है।
पवन बधे ने आगे कहा, इसने बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा जैसे इलाके में लोगों का राजनीतिक दमन और उत्पीड़न जारी रखा है और उन्हें अपने अधिकारों से वंचित रखा है। पाकिस्तान के मानवाधिकार की समीक्षा पर फर्स्ट सेक्रेटरी ने कहा, मानवाधिकार रक्षकों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को निशाना बनाते हुए पाकिस्तान अपहरण, जबरन गायब करने, मनमाने ढंग से हिरकासत और यातनाओं का इस्तेमाल राज्य की नीति के टूल के रूप में करता है।
भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से पैदा होने वाले आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय, सत्यापन योग्य, अपरिवर्तनीय और निरंतर कार्रवाई करे।