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Sunday, October 1, 2023

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आईएमएफ रहम दिखाने को तैयार नहीं, पाकिस्तान में बढ़ी बेचैनी सख्त रुख से

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह साफ कर दिया है कि जब पाकिस्तान उसकी शर्तों पर सख्ती से अमल नहीं करता, उसे ऋण की नई किस्त जारी नहीं की जाएगी। दूसरी तरफ आईएमएफ ने बांग्लादेश को तुरंत 4.7 बिलियन डॉलर का कर्ज जारी करने को मंजूरी दे दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह अंतर यह जाहिर करता है कि पाकिस्तान की मौजूदा सरकार की क्षमता में आईएमएफ को भरोसा नहीं है।  

पाकिस्तान सरकार के विशेष अनुरोध पर आईएमएफ की एक टीम यहां आई हुई है। मंगलवार को इस टीम ने पाकिस्तान के उच्च अधिकारियों के साथ ऋण संबंधी तकनीकी वार्ता शुरू की। इस दौरान आईएमएफ की समीक्षा टीम के प्रमुख नाथन पोर्टर ने पाकिस्तान के बजट घाटे और फिजूलखर्ची का जिक्र किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान ऋण चाहता है, तो उसे आईएमएफ की शर्तों पर सख्ती से अमल करना होगा।

लगे हाथ समीक्षा टीम ने अपनी शर्तों को दोहराया। इसके मुताबिक बजट घाटा 4.9 फीसदी से कम होना चाहिए, राजकोषीय घाटा जीडीपी के 0.2 फीसदी तक लाया जाना चाहिए, निर्यात सेक्टर को दी गई 1,100 करोड़ रुपये की सब्सिडी रद्द की जानी चाहिए, 7,470 करोड़ रुपये के संघीय टैक्स की वसूली सुनिश्चित की जानी चाहिए, पेट्रोलियम पदार्थों पर 855 अरब रुपये की लेवी लगाई जानी चाहिए, और सरकारी उद्यमों का निजीकरण किया जाना चाहिए।

विश्लेषकों के मुताबिक तकनीकी समीक्षा वार्ता में आईएमएफ जैसा सख्त रुख दिया है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। इस समय पाकिस्तान सरकार किसी तरह कर्ज पाने के लिए बेसब्र है। पाकिस्तानी रुपये की कीमत में इस हफ्ते रिकॉर्ड गिरावट आई है, इससे महंगाई आसमान पर पहुंच गई है। देश में पेट्रोलियम पदार्थों और बिजली का अभाव हो गया है। इसके बावजूद आईएमएफ कोई नरमी दिखाने को तैयार नहीं है। समझा जाता है कि शहबाज शरीफ सरकार ने गुजरे महीनों में टैक्स बढ़ाने को लेकर जो हिचक दिखाई, उससे आईएमएफ के अधिकारी खफा हैं।

अखबार द न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक तकनीकी वार्ता के पहले दिन दोनों पक्षों ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति की समीक्षा की। उधर जियो न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि आईएमएफ टीम ने गरीब लोगों को सब्सिडी देने के मुद्दे पर एतराज नहीं जताया है। आईएमएफ के अधिकारियों ने पाकिस्तान सरकार के इस अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया है कि बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम को चलने दिया जाए। लेकिन उन्होंने यह दो टूक कहा कि उनकी बाकी शर्तों को पाकिस्तान सरकार को मानना होगा।

इस बीच पाकिस्तान में इस बात से व्यग्रता पैदा हुई है कि आईएमएफ ने बांग्लादेश को कर्ज की राशि जारी करने का फैसला कर लिया है। अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून में छपी एक रिपोर्ट में ध्यान दिलाया गया है कि पाकिस्तान और श्रीलंका की आर्थिक हालत बांग्लादेश की तुलना में बहुत खराब है। लेकिन आईएमएफ ने बांग्लादेश को कर्ज देने को प्राथमिकता दी है। समझा जाता है कि बांग्लादेश ने आईएमएफ की शर्तों पर बेहतर ढंग से पालन किया है। उसने पेट्रोलियम की कीमत और बिजली शुल्क में आईएमएफ के मनमाफिक बढ़ोतरी कर दी है।

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