चीन का इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आने वाले दिनों में पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। एक रिपोर्ट की मानें तो राष्ट्रीय सुरक्षा और अहम उद्योगों में चीन का यह हथियार स्मार्ट शहरों में जासूसी का जरिया भी बन सकता है। इतना ही नहीं इसका इस्तेमाल हैकरों और शरारती तत्वों द्वारा भी किया जा सकता है, जो कि चीन की इस तकनीक को दुनिया के लिए और बड़ा खतरा बना सकता है।
क्या है इंटरनेट ऑफ थिंग्स?
इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक का वह विकास है, जिसमें कई गैजेट्स को नेटवर्किंग के माध्यम से एक साथ जोड़ा जाएगा। इंटरनेट ऑफ थिंग्स को IOT भी कहा जाता है। इसमें सभी गैजेट्स एक साथ जुड़कर एक दूसरे को डाटा का आदान प्रदान करते हैं, जिससे सभी उपकरणों के बीच इंटीग्रेशन आता है।
गलत इस्तेमाल भी संभव
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के तहत दुनियाभर में ऐसे स्मार्ट शहर हो सकते हैं, जिनमें सभी डिवाइस एक दूसरे के साथ इंटरकनेक्ट रहेंगे। हालांकि, इसका गलत इस्तेमाल भी संभव है। मान लीजिए कि आप किसी खुफिया लैब का दरवाजा और कैमरे बंद कर के चले गए। लेकिन इंटरनेट ऑफ थिंग्स के जरिए जुड़े रहने की वजह से लैब का आर्टिफिशियल ब्रेन इन दरवाजों और कैमरों पर नियंत्रण रख सकेगा। अब अगर यह आर्टिफिशियल ब्रेन किसी भी तरह से चीन के नेटवर्क से जुड़ा है, तो यह जासूसी का जरिया भी बन सकता है।