पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पंजाब व खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी हैं। इन दोनों प्रांतों में नौ अप्रैल को चुनाव होंगे। राष्ट्रपति अल्वी ने यह घोषणा पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा के साथ हुई बैठक के बाद की है।
राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद सत्तारूढ़ शहबाज शरीफ सरकार ने राष्ट्रपति की आलोचना की है। सरकार ने कहा है कि राष्ट्रपति के निर्देशों पर चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। बता दें, पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान के ऐलान के बाद पंजाब व खैबर पख्तूनख्वा में 14 व 18 जनवरी को प्रांतीय विधानसभाओं को भंग कर दिया गया था। इमरान खान इन दोनों प्रांतों में चुनाव कराने के लिए सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं।
संविधान बचाने के लिए की घोषणा
आरिफ अल्वी का कहना है कि पाकिस्तान के संविधान के अनुसार, विधानसभा भंग होने के 90 दिनों के भीतन चुनाव कराना अनिवार्य होता है। ऐसे में उन्होंने, संविधान के उल्लंघन से बचने के लिए चुनाव की तारीख की घोषणा की। बता दें, आरिफ अल्वी इमरान खान की पार्टी पीटीआई से हैं। विधानसभा भंग होने के बाद चुनाव आयोग पर चुनाव की तारीखों की घोषणा करने का दबाव बना रहे थे। आठ फरवरी को भी राष्ट्रपति अल्वी ने चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा था, लेकिन प्रतिक्रया न मिलने पर उन्होंने सोमवार को चुनाव आयुक्त को तलब किया था।
राष्ट्रपति के निर्देशों पर नहीं होगा चुनाव
दूसरी तरफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता तलाल चौधरी ने ने कहा, चुनाव राष्ट्रपति के निर्देशों पर नहीं हो सकते हैं और न ही होंगे। वहीं अहसान इकबाल ने कहा, यह ईसीपी का विशेषाधिकार ह न कि राष्ट्रपति का कि वह चुनाव की तारीखों की घोषणा करें।