भारत के 500 गीगावाट के क्लीन एनर्जी के लक्ष्य को हासिल करने में संयुक्त राज्य अमीरात ने सहयोग की इच्छा जताई है। संयुक्त राष्ट्र के 28वें जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP28) के अध्यक्ष व यूएई के सुल्तान अहमद अल जाबिर ने कहा है कि वह भारत के साथ उच्च विकास व निम्न-कार्बन के मार्ग में योगदान करने के सभी अवसरों की तलाश करेंगे।
उन्होंने कहा, भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और यह इसे ऊर्जा के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक बनाता है। ऐसे में भारत का सतत विकास न सिर्फ खुद के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत का लक्ष्य सच्चा और शक्तिशाली
COP28 के अध्यक्ष ने कहा, अगले सात वर्षों में 500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा जोड़ने का भारत का लक्ष्य एक सच्चा और शक्तिशाली इरादा है। अक्षय ऊर्जा में सबसे बड़े निवेशकों में से एक के रूप में संयुक्त अरब अमीरात साझेदारी के सभी अवसरों का पता लगाएगा। उन्होंने कहा, अपने दृष्टिकोण के लिए एक सच्चे, व्यापक बदलाव की आवश्यकता है। 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को जीवित रखने का मतलब है कि पूर्व-औद्योगिक स्तर से ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने और जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों को रोकने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्रवाई करना।