पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा तय की गई एक अन्य शर्त को पूरा करने के लिए नीतिगत ब्याज दर में दो फीसदी (17 बेसिस प्वाइंट्स) की वृद्धि करने पर सहमत हो गई है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है।
पाकिस्तान ने IMF की एक और पूर्व शर्त को किया स्वीकार
रिपोर्ट में कहा गया है कि नए फैसले के साथ पाकिस्तान ने 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज के एक हिस्से के रूप में 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की अहम फंडिंग हासिल करने के लिए आईएमएफ की एक और पूर्व शर्त को स्वीकार कर लिया है। इसमें आगे कहा गया है कि पाकिस्तान ने घरेलू ऋण जुटाने के लिए सरकार द्वारा नीलामी में निर्धारित दरों के आधार पर ब्याज दर में वृद्धि की घोषणा की है। देश के एक प्रमुख समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी अधिकारियों के इस फैसले से ब्याज दर बढ़कर 19 फीसदी हो जाएगी, जो अक्तूबर में 19.5 फीसदी के पिछले रिकॉर्ड से कुछ ही कम है।
ब्याज दर में दो फीसदी की बढ़ोतरी करेगा पाकिस्तान
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद और आईएमएफ समीक्षा मिशन के बीच तकनीकी स्तर की एक चर्चा हुई। इसके मुताबिक, सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि उम्मीद थी कि पाकिस्तान ब्जाज दर में दो फीसदी की बढ़ोतरी करेगा। इनके मुताबिक, पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच बिजली क्षेत्र के कुछ मुद्दों पर बातचीत अंतिम चरण में है।
नौवीं समीक्षा के बाद भी नहीं मिला बेलआउट पैकेज, उम्मीदों पर फिरा पानी
इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के कर्मचारियों ने स्टाफ स्तर के समझौते के बिना 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की नौवीं समीक्षा पूरी की थी। पाकिस्तानी सरकार को उम्मीद थी कि वे आईएमएफ को धीरे-धीरे शर्तों को लागू करने के बारे में समझाने में सक्षम होंगे। हालांकि, आईएमएफ मिशन की 10 दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के दौरान इस्लामाबाद की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
शहबाज शरीफ का निर्देश- विदेश में मिशनों की संख्या में करें कटौती
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह अतिरिक्त खर्चों को कम करने के लिए कदम उठाए और विदेशी मिशनों की संख्या में कटौती करे। शरीफ ने 22 फरवरी को इस फैसले की घोषणा की थी।