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Thursday, March 23, 2023

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पीएम शहबाज शरीफ की कुर्सी खतरे में, PPP चेयरमैन बिलावल ने सरकार से समर्थन वापस लेने के दिए संकेत

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। गठबंधन सरकार में शामिल पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने समर्थन वापस लेने के लिए संकेत दिए हैं। बिलावल ने कहा है कि अगर संघीय सरकार सिंध प्रांत में बाढ़ पीड़ितों से किए गए अपने वादे को पूरा नहीं करती है तो उनकी पार्टी के लिए सरकार में बने रहना बहुत मुश्किल होगा। पाक मीडिया के मुताबिक, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल ने रविवार को एक सब्सिडी प्रोग्राम का उद्घाटन करने के अवसर पर अपने संबोधन में सरकार के खिलाफ आपत्ति जताई।

सिंध प्रांत में बिलावल की पार्टी पीपीपी की सरकार है। उन्होंने प्रांतीय बजट से बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम (बीआईएसपी) के लिए 8.39 अरब रुपये हस्तांतरित किए। इस योजना के तहत 12 एकड़ तक कृषि भूमि वाले प्रत्येक छोटे किसानों को 5,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी जाएगी।

बिलावल ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नेतृत्व वाली संघीय सरकार को उसके वादे की याद दिलाते हुए कहा कि सब्सिडी कार्यक्रम के जरिए सिंध में बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए 13.5 बिलियन रुपये चाहिए। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि संघीय सरकार 4.7 बिलियन रुपये का अनुदान देगी और शेष 8.39 बिलियन रुपये सिंध सरकार वहन करेगी।  उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को नेशनल असेंबली में उठाएंगे।

साथ ही बिलावल ने कहा कि वह बाढ़ पीड़ितों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी बात करेंगे। अगर ऐसा संभव नहीं हुआ तो पीपीपी के लिए संघीय सरकार में बने रहना बहुत मुश्किल होगा। बता दें, पीपीपी के नेशनल असेंबली में 58 सांसद हैं और वह मौजूदा गठबंधन सरकार का अहम हिस्सा है। अगर पीपीपी समर्थन वापस लेती है तो प्रधानमंत्री शरीफ के लिए सरकार बचाना मुश्किल हो जाएगा।

डिजिटल जनगणना के तरीके पर भी आपत्ति
वहीं, बिलावल भुट्टो ने डिजिटल जनगणना के तरीके पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है। एक प्रांत में चुनाव अलग जनगणना के आधार पर हुए, और अन्य प्रांतीय चुनाव विवादित डिजिटल जनगणना के आधार पर हुए।

गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ आई थी, जिससे देश का एक तिहाई भाग जलमग्न हो गया था और 1,200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, क्योंकि बाढ़ से 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था।

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