पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार को प्रेस को संबोधित करते हुए भारत को ‘दोस्त’ बताया और कुछ देर बाद ही अपनी गलती को सुधारते हुए ‘पड़ोसी’ देश के रूप में संबोधित किया। भु्ट्टो की जुबान उस समय लड़खड़ाई जब वह ‘महिलाओं की स्थिति पर आयोग’ (सीएसडब्ल्यू) और पहले इस्लामाफोबिया दिवस के इतर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
कश्मीर मुद्दे के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने माना कि भारत की कूटनीतिक प्रयासों के कारण इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे में लाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा, जब भी कश्मीर का मुद्दा उठाया जाता है तो हमारा मित्र…(लड़खड़ाते हुए)..पड़ोसी देश मुखर होकर कड़ी आपत्ति जताता है और खुद को सही ठहराता है।
भुट्टो ने आरोप लगाया, वे (भारत) पोस्ट-फैक्ट नैरेटिव को आगे बढ़ाते हैं, जहां वे यह दावा करने की कोशिश करते हैं कि कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के लिए कोई विवाद नहीं है और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा इसे विवादित क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं है।
उन्होंने कहा, हमें सच्चाई का पता लगाना मुश्किल हो गया है, हम अपने प्रयासों को हर अवसर पर जारी रखे हुए हैं। चाहे वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हो या विभिन्न कार्यक्रमों में। मैं जहां भी भाग लेता हूं या संबोधित करता हूं या अध्यक्षता करता हूं, तो मैं न केवल फिलिस्तीन के लोगों के लोगों का जिक्र करने का प्रयास करता हूं, बल्कि कश्मीर के लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर भी फोकस करता हूं।