अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज की रेटिंग घटाने के फैसले से बांग्लादेश का बैंकिंग सेक्टर हिल गया है। मूडीज ने बांग्लादेश के बैंकिंग सेक्टर की रेटिंग स्थिर से घटा कर नकारात्मक कर दी है। अर्थशास्त्रियों और वित्तीय विश्लेषकों ने मूडीज के इस फैसले को न सिर्फ बैंकिंग सेक्टर, बल्कि पहले से संकटग्रस्त बांग्लादेश की पूरी अर्थव्यवस्था के लिए एक झटका माना है। बांग्लादेश मुद्रा की कीमत घटना, ऊंची महंगाई दर और विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट की समस्याओं का सामना कर रहा है।
अर्थशास्त्रियों ने ध्यान दिलाया है कि मूडीज के ताजा आकलन के बाद अब सीमा पार से वित्तीय लेनदेन अधिक मुश्किल हो जाएगा। कुछ विदेशी संस्थान तो बांग्लादेश के बैंकों की क्रेडिट लिमिट घटाने का फैसला कर भी चुके हैं। बैंकर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सईद महबूब-उर-रहमान ने कहा है- ‘मूडीज ऐसा फैसला लेगा, इसकी चेतावनी के लक्षण तो पहले से मौजूद थे। डॉलर के संकट के बावजूद हमारे बहुत से बैंक विदेशी बैंकों से अब तक लेन-देन कर पा रहे थे। ऐसा दीर्घकालिक संबंध और भरोसे के कारण हो रहा था। लेकिन अब बांग्लादेश के पूरे बैंकिंग सेक्टर को जोखिम भरा करार दिया गया है। इससे सीमा पार से लेन-देने में निश्चित रूप से समस्या आएगी।’
पर्यवेक्षकों ने बांग्लादेश में बनती स्थिति की तुलना श्रीलंका से करनी शुरू कर दी है। उन्होंने ध्यान दिलाया है कि श्रीलंका में भी संकट की शुरुआत रेटिंग एजेंसियों की तरफ से दर्जा घटाए जाने के साथ हुई थी। उन्होंने ध्यान दिया है कि बांग्लादेश का बैंकिंग सिस्टम भ्रष्टाचार, घोटालों और नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) की समस्या से पहले से ग्रस्त रहा है। बीते दिसंबर तक बैंकों की तरफ से दिए गए कुल कर्ज का 8.16 फीसदी हिस्सा एनपीए हो चुका था।
वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस हफ्ते दुबई स्थित मशरिक बैंक और हांगकांग स्थित स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने दो बांग्लादेशी बैंकों को लेटर ऑफ क्रेडिट देने से इनकार कर दिया। वेबसाइट ने यह खबर उच्च पदस्थ अधिकारियों के हवाले से छापी है, जिन्होंने अपना नाम गुप्त रखने की इच्छा जताई थी।
इस बीच बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक- बांग्लादेश बैंक से प्राप्त आंकड़ों से जाहिर हुआ है कि पिछले साल जुलाई से दिसंबर के छह महीनों में नए मिले लेटर्स ऑफ क्रेडिट की संख्या में 14 फीसदी की गिरावट आई। उधर कई बैंकों ने बताया है कि उनके पास आयात का बिल चुकाने लायक डॉलर नहीं बचे हैं। बांग्लादेश के मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक ऐसे कम से कम 20 बैंक हैं, जो विदेशी मुद्रा ना होने के कारण आयात बिल का भुगतान नहीं कर पाए।
बांग्लादेश के पास अब 32 बिलियन डॉलर से भी कम का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। अगस्त 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार में 48 बिलियन डॉलर थे। इस बीच डॉलर की तुलना में बांग्लादेश की मुद्रा टका के भाव में पिछले छह महीनों में 27 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। अब एक डॉलर की कीमत 107 टका तक पहुंच चुकी है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी बैंकों के बढ़ते एनपीए पर चिंता जताई है और सरकार से बैंकिंग सेक्टर के नियमों और निगरानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने को कहा है।