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Sunday, October 1, 2023

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नई ऊंचाई पर अमेरिका और रूस का टकराव अमेरिकी ड्रोन गिराने की घटना के बाद

काला सागर के ऊपर अमेरिकी ड्रोन को रूसी लड़ाकू विमान ने जिस तरह मार गिराया, उससे दोनों देशों के बीच भूलवश युद्ध शुरू हो जाने की आशंका गहरा गई है। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूस के विमान ने ‘असुरक्षित और गैर-पेशेवर’ ढंग उड़ान भरी। रूस के एसयू-27 विमान की इस गतिविधि के कारण अमेरिकी रीपर ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अमेरिका के यूरोपियन कमांड ने कहा है कि रूस के दो लड़ाकू विमानों ने जानबूझ कर अमेरिकी ड्रोन को घेरा और उस पर ईंधन की बरसात कर दी।

लेकिन इस घटना पर रूस का रुख भी आक्रामक है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को रूसी राजदूत अनातोली एंतानोव को विरोध जताने के लिए बुलाया था। उसके बाद क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय) के प्रवस्ता दिमित्री पेस्कोव ने चेतावनी दी कि अब रूस और अमेरिका के संबंध ‘अपने न्यूनतम’ स्तर पर पहुंच गए हैं। उधर वॉशिंगटन स्थित रूसी राजदूत अनातोली अंतोनोव ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में पूछा कि अमेरिकी ड्रोन काला सागर में यूक्रेन के करीब तक क्यों गया था। उन्होंने कहा- “हमारी सीमाओं के पास अमेरिका सेना का यह अस्वीकार्य कदम चिंता की बात हैं। अगर, उदाहरण के लिए, एक रूसी हमलावर ड्रोन न्यूयॉर्क या सैनफ्रांसिस्को के पास दिखे तो, अमेरिकी वायु सेना और नौसेना क्या करेंगे?”

अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की वेबसाइट पर छपे एक विश्लेषण में कहा गया है कि आसमान में हुई इस टक्कर ने रूस और अमेरिका के बीच के टकराव को बेहद बढ़ा दिया है। लेकिन इसमें कहा गया है कि परमाणु हथियार संपन्न इन दोनों देशों का संबंध आने वाले दिनों में और बिगड़ सकते हैं।

इस विश्लेषण में याद दिलाया गया है कि 2018 में सीरिया में आगे बढ़ते अमेरिका समर्थक बलों की रूसी बलों के साथ झड़प हुई थी। तब अमेरिकी वायु सेना ने बमबारी की थी, जिससे दर्जनों रूसी जवान और रूस के सीरियाई सहयोगी मारे गए थे। इसे अमेरिका और रूस के बीच अब तक का सबसे खूनी टकराव माना जाता है। लेकिन इस विश्लेषण में ध्यान दिलाया गया है कि तब अमेरिका और रूस के बीच संवाद कायम था, जिससे हालात पर काबू पाने में मदद मिली थी। फिलहाल दोनों देशों के बीच संवाद के सारे सूत्र टूटे हुए हैं।

अमेरिका का दावा है कि उसके ड्रोन काला सागर क्षेत्र में बीते एक साल से उड़ान भर रहे हैं। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि ऐसी स्थिति में रूस किसी ड्रोन को गिराने की कोशिश करता, इसकी कोई जरूरत नहीं थी।

उधर क्रेमलिन के प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा है कि इस घटना के बाद बने हालात की पूरी जानकारी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन को दी गई है। लेकिन उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ उच्चतम स्तर पर संपर्क होने की कोई संभावना नहीं है।

अमेरिकी थिंक टैंक कारनेगी एन्डॉवमेंट में रूस विशेषज्ञ एंड्र्यू वीस ने एक ट्विट में कहा है कि ड्रोन गिरा कर रूस ने यह संदेश दिया है कि वह पश्चिम के साथ टकराव बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा- ‘काला सागर और उसके आसपास अमेरिका और नाटो की गतिविधियों से रूस चिढ़ा हुआ मालूम पड़ता है। इसलिए उसने यह कार्रवाई की, हालांकि क्रेमलिन में मौजूद लोग यह अवश्य समझते हैं कि ऐसी कार्रवाई के कारण अमेरिका अपने ड्रोन उड़ाना बंद नहीं करेगा।’

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