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Thursday, March 23, 2023

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अब टिकटॉक के प्रतिबंध से अमेरिका में बचना मुश्किल, सिलिकॉन वैली ने भी कमर कसी

अमेरिका में टिकटॉक एप पर प्रतिबंध लगवाने की मुहिम में सिलिकॉन वैली के अधिकारी भी अब खास भूमिका निभा रहे हैं। टिकटॉक के सीईओ शाउ जी चेऊ को अगले गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में बुलाया गया है। वहां उनसे सवाल-जवाब होगा। आरोप है कि टिकटॉक अपने डेटा चीन की सेना- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को मुहैया कराता है। 

उधर सिलिकॉन वैली के अधिकारी अमेरिका की टेक इंडस्ट्री में चीन की भागीदारी पर रोक लगवाना चाहते हैं। उन्होंने इसके लिए एक विशेष डिनर आयोजित करने का फैसला किया है, जिसमें चीन और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर चर्चा होगी। यह डिनर चेऊ की कैपिटॉल हिल (संसद भवन) में पेशी से एक दिन पहले आयोजित किया जाएगा।

अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक अपनी एक खास रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिका में टिकटॉक के खिलाफ माहौल बन रहा है। अमेरिका सरकार पहले ही अपने दफ्तरों में टिकटॉक के इस्तेमाल  पर रोक लगा चुकी है। अब निजी क्षेत्र में भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की मुहिम चलाई जा रही है। इसी हफ्ते खबर आई कि जो बाइडेन प्रशासन ने टिकटॉक के चीनी मालिकों से कहा है कि वे इस ऐप में अपनी हिस्सेदारी बेच दें। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर चीन स्थित इसके मालिकों ने ऐसा नहीं किया, तो ऐप पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक टिकटॉक के खिलाफ मुहिम में सिलिकॉन वैली के ज्यादातर वे अधिकारी शामिल हैं, जिनका रुख पहले भी चीन के खिलाफ सख्त रहा है। अब इनमें गूगल के पूर्व नीति सलाहकार जैकॉब हेलबर्ग भी शामिल हो गए हैँ। हेलबर्ग अमेरिका-चीन आर्थिक एवं सुरक्षा समीक्षा आयोग के सदस्य भी हैं। यह आयोग अमेरिकी कांग्रेस के लिए रिसर्च करता है और उसे अपनी सलाह देता है।

सिलिकॉन वैली में शुरू हुई मुहिम के बारे में प्रतिक्रिया जानने के लिए वॉल स्ट्रीट जर्नल ने टिकटॉक प्रवक्ता से संपर्क किया, तो उन्होंने सिलिकॉन वैली इस एप के खिलाफ समूह के बारे में जानकारी होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने कभी हमसे अमेरिकी यूजर्स के डेटा साझा करने के लिए नहीं कहा है। ना ही हमने ऐसा कभी किया है।

विश्लेषकों के मुताबिक टिकटॉक के चीन स्थित मालिकों से अपने शेयर बेचने की मांग अमेरिका की तरफ रखी गई अब तक सबसे सख्त मांग है। टिकटॉक विरोधियों का तर्क है कि इस ऐप की गतिविधियां संदिग्ध हैं, जिसकी वजह से यूरोपियन कमीशन सहित तकरीबन 30 देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि चीन सरकार टिकटॉक को डेटा देने के लिए मजबूर कर सकती है और यह गहरी चिंता की बात है। 

इस बीच टिकटॉक भी अमेरिका में अपने पक्ष में समर्थन जुटाने में लगा हुआ है। उसने इस ऐप के निर्माताओं को वॉशिंगटन बुलाया है, ताकि अमेरिकी सांसदों के संदेह को वे दूर कर सकें। इसके अलावा इस ऐप ने कुछ दूसरे कदम भी उठाए हैं। इसी महीने उसने यह सुनिश्चित कर दिया कि 18 वर्ष से कम उम्र किशोर इस ऐप का एक दिन में 60 मिनट से अधिक इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। पर्यवेक्षकों के मुताबिक टिकटॉक कंपनी इस तरह के कदम खुद को प्रतिबंध से बचाने से लिए उठा रही है। 

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