पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने गोपनीय राजनयिक केबल लीक होने के मामले में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की हिरासत सोमवार को दो दिन के लिए बढ़ा दी। इमरान खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने आरोप लगाया था कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कथित तौर पर इसका गलत इस्तेमाल किया गया था।
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री खान के करीबी सहयोगी कुरैशी को 19 अगस्त को सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन पर विदेश मंत्री रहने के दौरान अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा विदेश कार्यालय को भेजे गए आधिकारिक केबल की गोपनीयता का उल्लंघन का आरोप है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उपाध्यक्ष कुरैशी को बाद में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की विशेष अदालत ने 25 अगस्त तक चार दिन के लिए हिरासत में भेज दिया था। शुक्रवार को अदालत ने उसकी रिमांड तीन दिन के लिए बढ़ा दी। एफआईए ने सोमवार को उनको विशेष अदालत के समक्ष पेश किया और उनकी हिरासत अवधि पांच दिन बढ़ाने की मांग की।
जिओ न्यूज ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें उनका मोबाइल फोन बरामद करना होगा। हालांकि, कुरैशी के वकील बाबर अवान ने इसका विरोध किया और अपने बचाव में उच्च न्यायपालिका के कई फैसलों का हवाला दिया।
सुनवाई के दौरान अवान ने दलील दी कि उनके मुवक्किल का साइफर मामले (राजनयिक केबल) से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने अदालत में संविधान के अनुच्छेद 90 और 91 पढ़े। अवान ने कहा कि कुरैशी पिछले नौ दिनों से रिमांड में है। यह पर्याप्त है। मोबाइल फोन बरामद करने के लिए हिरासत बढ़ाने की अभियोजक की मांग पर अवान ने न्यायाधीश से कहा कि कुरैशी का मोबाइल एफआईए के पास है और आगे रिमांड की कोई जरूरत नहीं है।
इसके बाद आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन, जिन्हें विशेष अदालत का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, ने फैसला सुरक्षित रख लिया जिसकी घोषणा बाद में की गई। खान लंबे समय से गायब केबल का जिक्र पिछले साल अप्रैल में उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने की ‘विदेशी साजिश’ के सबूत के तौर पर करते रहे हैं। पिछले हफ्ते एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साइफर मामले में खान और कुरैशी के खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत मुकदमा एक पखवाड़े के भीतर शुरू होने की उम्मीद है।