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Tuesday, September 26, 2023

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ट्रंप से थे हल्के मतभेद रामास्वामी ने माना, बोले- राष्ट्रपति पद के लिए हम अमेरिका के पहले दो उम्मीदवार

भारतीय मूल के अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने माना है कि उनके और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बहुत छोटे मतभेद थे, लेकिन वे नीतिगत मुद्दों पर गहराई से जुड़े हुए थे। 2024 में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए दोनों के बीच टक्कर है। 

रामास्वामी ने शुक्रवार को एक समाचार चैनल में इंटरव्यू के दौरान अपने साथी रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी ट्रंप के साथ नीतिगत मतभेदों के बारे में बात की। करोड़पति बायोटेक उद्यमी रामास्वामी ने कहा कि वह और ट्रंप अगले साल राष्ट्रपति पद के लिए अमेरिका के दो पहले उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारे पास अपने साझा आदर्शों के इर्द-गिर्द देश को फिर से एकजुट करने का अवसर है।’ रामास्वामी ने कहा, ‘इससे मुझे अमेरिका फर्स्ट के एजेंडे को आगे ले जाने का मौका मिलेगा।’ 

‘द हिल’ अखबार ने रामास्वामी के हवाले से कहा, ‘मुझे लगता है कि हम 90 फीसदी से अधिक नीतियों को लेकर गहराई से जुड़े हुए हैं।’उन्होंने कहा, ‘कुछ छोटे मतभेद हैं। मैं सकारात्मक कार्रवाई को रद्द करूंगा। मैं सिर्फ दीवार बनाने के बजाय दक्षिणी सीमा (मैक्सिको-अमेरिका सीमा) का सैन्यीकरण करूंगा। मैं शिक्षा विभाग में न केवल एक अच्छे व्यक्ति (पूर्व शिक्षा सचिव) बेट्सी डेवोस को इसमें सुधार के लिए रखूंगा, बल्कि पूरे शिक्षा विभाग को बंद कर दूंगा।’

राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपबल्किन पार्टी की ओर से 23 अगस्त को पहली बहस ने अमेरिकी मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। कुछ दिनों बाद ट्रंप (77 वर्षीय) ने रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने पर रामास्वामी (38 वर्षीय) की जमकर तारीफ की थी और उन्हें एक स्मार्ट, युवा व्यक्ति करार दिया था। नामांकन की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ट्रंप ने मंगलवार को यह टिप्पणी तब की थी, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह ‘उपराष्ट्रपति’ के  रूप में रामास्वामी के नाम पर विचार कर रहे हैं।

रामास्वामी ने शुक्रवार को इंटरव्यू के दौरान कहा कि वह ट्रंप की नीतियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने अपने पूरे चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप की जमकर तारीफ की और वादा किया कि व्हाइट हाउस में उनके कार्यकाल के पहले दिन ही पूर्व राष्ट्रपति को किसी भी संभावित दोषसिद्धि से माफ कर दिया जाएगा।

रामास्वामी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारे पास अपने साझा आदर्शों के इर्द-गिर्द इस देश को फिर से एकजुट करने का अवसर है और इससे मुझे डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में अमेरिका फर्स्ट के एजेंडे को और आगे ले जाने का मौका मिलेगा।’

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