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Tuesday, September 26, 2023

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बिलावल की मांग- देश में 90 नहीं तो 120 दिनों के भीतर कराए जाएं आम चुनाव; इमरान खान पर भी साधा निशाना

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार को आह्वान किया कि यदि देश में संवैधानिक रूप से अनिवार्य 90 दिनों के भीतर चुनाव संभव नहीं हैं तो 120 के अंदर शीघ्र चुनाव कराए जाएं। 

नेशनल असेंबली को नौ अगस्त को भंग कर दिया गया था। इसके बाद भंग होने के बाद 90 दिनों के भीतर आम चुनाव होने हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी  पार्टी आगामी आम चुनाव में भाग लेने के लिए तैयार है। बिलावल ने कहा, ’90 दिनों के भीतर चुनाव तुरंत कराए जाने चाहिए, यदि नहीं तो 120 दिनों के भीतर।’ 

शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पिछले महीने अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद पीपीपी ने आम चुनावों में किसी भी तरह की देरी का विरोध किया है। उनका यह बयान पाकिस्तान के चुनाव आयोग की इस घोषणा के एक हफ्ते बाद आया है कि निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को 30 नवंबर तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा, ताकि चुनाव ‘जल्द से जल्द’ हो सकें।

पिछली सरकार ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि चुनाव केवल तभी हो सकते हैं जब नई जनगणना पूरी हो जाए और निर्वाचन क्षेत्र की नई सीमाएं खींची जाएं। पीपीपी गठबंधन सहयोगी थी। इस कदम से यह आशंका पैदा हो गई है कि 90 दिनों के भीतर होने वाले चुनाव में अगले साल तक की देरी हो सकती है क्योंकि परिसीमन प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग चार महीने लगेंगे।

पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख की घोषणा की जाएगी। सूत्रों के हवाले से खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी आम चुनाव की तारीख की घोषणा करने पर विचार कर रहे हैं और वह अपने कानूनी सलाहकारों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद तारीख का खुलासा कर सकते हैं। खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति अल्वी ईसीपी को एक पत्र भेज सकते हैं, जिसमें चुनाव के लिए नवंबर में एक तारीख का प्रस्ताव दिया जाएगा। 

डॉन अखबार की खबर के अनुसार जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान का जिक्र करते हुए बिलावल ने कहा कि देश पर थोपी गई कठपुतलियों ने नौ मई को संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि हमलों में भाग लेने वालों को सबक सिखाया जाना चाहिए ताकि कोई भी भविष्य में इसे दोहराने के बारे में न सोच सके।

उन्होंने कहा, ‘इस देश पर कठपुतली थोपने की प्रथा बंद होनी चाहिए। हम इस तरह के प्रयोगों को खत्म करना चाहते हैं और लोगों को फैसला करने देना चाहते हैं। अगर पाकिस्तान के लोग पीपीपी को चुनते हैं तो सभी को इसे स्वीकार करना चाहिए।’ उन्होंने खान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘आप कभी राजनेता नहीं रहे। आप प्रशिक्षण ले रहे हैं। आप केवल एक कठपुतली के रूप में उभरे।’

अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को पाकिस्तान में अशांति फैल गई थी जिसमें रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई की इमारत समेत दर्जनों सैन्य और सरकारी इमारतों में आग लगा दी गई थी और तोड़फोड़ की गई थी। पुलिस ने पीटीआई के 10,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है और 100 से अधिक पर सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चल रहा है।

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